दुर्भाग्यपूर्ण है कि 81 करोड़ से ज़्यादा लोग सरकारी अन्न के मोहताज हैं: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर कहा कि देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीबों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न का मोहताज बना देने जैसी दुर्दशा न आज़ादी का सपना था और न ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय डॉ. आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुखद है.

हमारे विकास करने के बावजूद लोग भूख से मर रहे हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अधिकतम प्रवासी श्रमिकों को राशन सुनिश्चित करने का राज्य सरकारों को तौर-तरीके तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि अंतिम लक्ष्य यह है कि भारत में कोई नागरिक भूख से नहीं मरे. अदालत ने कहा कि प्रवासी श्रमिक राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और कहीं से भी उनके अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती. 

केंद्र की नीलामी में मिल मालिकों को मिली ग़रीबों के लिए आवंटित दाल, सरकारी एजेंसी ने की थी पुष्टि

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद ने बताया था कि नीलामी की शर्तों ने मिल मालिकों को सरकार के साथ हेराफेरी कर अधिक लाभ उठाने और ख़राब गुणवत्ता वाली दालों की आपूर्ति करने की अनुमति दी.

केंद्र के अपारदर्शी नीलामी नियमों के चलते सरकार के ख़र्च पर दाल मिल मालिकों को हुआ जमकर मुनाफ़ा

दस्तावेज़ दिखाते हैं कि सरकारी खरीद एजेंसी नेफेड द्वारा नीलामी प्रक्रिया में किए गए बदलाव के चलते मिल मालिकों को बीते चार सालों में 5.4 लाख टन कच्ची दाल संसाधित (प्रोसेस) करने के लिए कम से कम 4,600 करोड़ रुपये का लाभ मिला. इसके कारण सरकारी ख़ज़ाना और संभावित तौर पर दाल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई.

कोरोना पैकेज के तहत महिला जन-धन खाताधारकों को पैसे भेजने में विसंगतियां: आरटीआई

कोरोना महामारी के चलते खड़ी हुई अप्रत्याशित स्थिति में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत महिला खाताधारकों को तीन किस्तों में 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. अब आरटीआई के तहत सामने आई जानकारी में इसके आंकड़ों में विसंगतियां मिली हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों से एक देश-एक राशन कार्ड योजना लागू करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करने के लिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के पंजीकरण के लिए सॉफ्टवेयर विकास में देरी पर कड़ा रुख़ जताया और कहा कि वह इस बात से चिंतित है कि जिन प्रवासी श्रमिकों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, वे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ कैसे उठा पाएंगे.

यह संस्था सरकार की बंधक नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि न्यायालय सरकार के कथन का सत्यापान किए बगैर ही उस पर विचार कर रही है जबकि लोगों, विशेषकर पलायन करने वाले कामगारों, के मौलिक अधिकार लागू नहीं किए जा रहे हैं.

नोटबंदी के दौरान लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के पैसे का क्या हुआ, सरकार को नहीं पता

मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत व्यक्ति को अघोषित आय का 30 फीसदी की दर से कर, कर के राशि का 33 फीसदी सरचार्ज और अघोषित आय का 10 फीसदी जुर्माने के तौर पर देना था. इस योजना को दिसंबर 2016 से 10 मई 2017 तक के लिए लाया गया था.