एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कृषि मंत्रालय ने बताया है कि पीएम-किसान योजना के तहत 2019 में 11.84 करोड़ किसानों को दो हज़ार रुपये की पहली किस्त मिली थी, वहीं इस साल केवल 3.87 करोड़ लाभार्थियों को ही 11वीं किस्त मिली है.
आरटीआई के तहत केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत अयोग्य लाभार्थियों की बड़ी संख्या पांच राज्यों- पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में है. अयोग्य लाभार्थियों में आधे से अधिक यानी 54.03 प्रतिशत लोग पंजाब, असम और महाराष्ट्र से हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज के तहत घोषणा की थी कि 8.69 करोड़ किसानों को पीएम-किसान का 2000 रुपया तत्काल प्रभाव से दिया जाएगा. हालांकि अभी तक 7.1 करोड़ किसानों को ही इसका लाभ मिला है.
द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कृषि मंत्रालय ने कहा था कि चूंकि पीएम-किसान योजना के तहत पूरी राशि ख़र्च नहीं हो पा रही है, इसलिए जो राशि बच गई है उसे अन्य योजनाओं के इस्तेमाल में लाया जा सकता है. हालांकि वित्त मंत्रालय ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया था.
आरटीआई के तहत सामने आई जानकारी के अनुसार करीब 2.51 करोड़ किसानों को योजना की दूसरी किस्त भी नहीं मिली है.
मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कृषि योजनाओं को लॉन्च किया था. हालांकि इनके लागू होने की खराब स्थिति के चलते सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इन योजनाओं के आवंटित बजट में बड़ी कटौती की है.
योजना के तहत कुल चिन्हित 8.80 करोड़ लाभार्थियों में से 8.35 करोड़ छोटे किसानों को पहली किस्त के रूप में दो-दो हजार रुपये की राशि दी गयी. वहीं दूसरी किस्त में लाभार्थियों की संख्या घटकर 7.51 करोड़, तीसरी में 6.12 करोड़ और चौथी किस्त में केवल 3.01 करोड़ रह गयी है.
पीएम किसान योजना के तहत किसानों को एक साल में 2000 रुपये की तीन किस्त के ज़रिये कुल 6000 रुपये देने का प्रावधान है. हालांकि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, सिर्फ़ 25 फीसदी किसानों को ही इसका पूरा लाभ मिल पाया है.
किसान की संख्या पता नहीं होने और इसकी सही परिभाषा नहीं तय किए जाने की वजह से मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम-किसान जैसी योजनाओं पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है और कई योग्य लाभार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीएम-किसान के तहत 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. कम खर्च की वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि आवंटित राशि का भारी-भरकम हिस्सा केंद्र सरकार खर्च नहीं कर पाएगी.
कृषि मंत्रालय ने शुरू में अनुमान लगाया था कि पीएम किसान योजना के तहत कुल 14.5 करोड़ किसान परिवारों को लाभ मिल सकता है. हालांकि सही आंकड़ा नहीं होने की वजह से लाभार्थियों की संख्या कम होने की संभावना है.
राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम किसान योजना के तहत 1,19,743 किसानों के खाते में पैसे डालने के बाद उसे वापस कर लिया गया था.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के दायरे में सभी किसानों को शामिल करने को मंत्रिमंडल की मंज़ूरी. योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में जौनपुर ज़िले के कई किसानों ने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत उनके खाते में 2000 रुपये आए थे लेकिन कुछ घंटे बाद या अगले ही दिन वो पैसे वापस कर लिए गए. किसानों ने कहा कि उन्होंने इस बात को लेकर संबंधित अधिकारियों से शिकायत की थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
द वायर एक्सक्लूसिव: आरटीआई के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक जैसे राष्ट्रीयकृत बैंकों ने स्वीकार किया है कि किसानों के खातों में डाले गए करोड़ों रुपये वापस ले लिए गए हैं.