प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में लिखा है, 'ममता ने निडर और आक्रामक रूप से अपना रास्ता बनाया. आज वह जिस मकाम पर हैं, वह उनके संघर्ष का परिणाम है.
अपनी नई पुस्तक, 'द कोएलिशन ईयर्स: 1996-2012' में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, पार्टी को एक सरकार गठित करने के लिए अपनी पहचान नहीं खोनी चाहिए. विपक्ष में बैठने से कोई नुकसान नहीं है.