केंद्र सरकार ने मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप, अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद कर दी थी, साथ ही विदेश में पढ़ाई हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज में सब्सिडी देने वाली 'पढ़ो परदेस' योजना भी बंद कर दी गई थी. इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीति का ख़ुलेआम प्रदर्शन कर रही है, मानो कि वह कोई सम्मान की बात हो.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बताया कि अल्पसंख्यक समुदायों के रिसर्च स्कॉलर्स को मिलने वाली मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप को इस शैक्षणिक वर्ष से बंद किया जा रहा है. यह फेलोशिप सच्चर समिति की सिफ़ारिशों को लागू करने के लिए यूपीए शासनकाल में शुरू की गई थी.
केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार क़ानून का हवाला देते हुए एक नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वह इस क़ानून के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है, इसलिए स्कॉलरशिप दिए जाने की ज़रूरत नहीं है.