नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की ओर से कहा गया है कि आरएसएस समर्थित हिंदुस्तान समाचार को आकाशवाणी और दूरदर्शन को समाचारों की आपूर्ति के लिए अनुबंधित किया गया है. यह क़दम सत्ता पक्ष के हिसाब से भारत में ख़बरों का भगवाकरण करेगा और स्वतंत्र पत्रकारिता को ख़त्म कर देगा.
देश के सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती द्वारा आरएसएस समर्थित समाचार एजेंसी हिंदुस्तान समाचार के साथ एक विशेष अनुबंध किया गया है, जिसके तहत वह दो साल की अवधि के लिए एजेंसी को क़रीब 8 करोड़ रुपये देगा. इससे पहले 2020 में प्रसार भारती ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ अपना सब्सक्रिप्शन रद्द कर दिया था.
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सात जुलाई को जारी यह नोटिस प्रसार भारती की उस चेतावनी के बाद आया है, जिसमें उसने 'राष्ट्रविरोधी' कवरेज को लेकर पीटीआई को दी जाने वाली वित्तीय सहायता रोकने की बात कही थी.
जागरण समूह के अख़बार नई दुनिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को भेजे गए नोटिस की ख़बर में सुंदर को माओवादी कार्यकर्ता बताया है.
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा देश भर से करीब 300 कर्मचारियों की 'अवैध छंटनी' के विरोध में पीटीआई एम्प्लॉइज फेडरेशन ने संस्थान के सीईओ वेंकी वेंकटेश को पत्र लिखा है. वहीं दिल्ली पत्रकार यूनियन ने श्रम मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है.