‘भारत में मृत्युदंड: वार्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट’ में कहा गया है कि वर्ष 2023 में देश भर में निचली अदालतों द्वारा 120 मौत की सज़ाएं सुनाई गईं, जिनमें सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में 33 रही. 2023 में निचली अदालतों में सबसे अधिक मौत की सज़ा यौन अपराधों से जुड़े हत्या के मामलों में दी गई, जो 120 मौत की सज़ाओं में से 64 है.
दिल्ली की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की शोध शाखा ‘प्रोजेक्ट 39ए’ ने चेन्नई के एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज़्म में एजी पेरारिवलन के साथ वार्ता का आयोजन किया था, जिसे बाद में आयोजन स्थल पर हिंसा और तोड़फोड़ आशंका को देखते हुए ऑनलाइन करने की बात कही गई थी, लेकिन फिर ‘अप्रत्याशित हालात’ का हवाला देकर इसे रद्द कर दिया गया.