पैगंबर के ख़िलाफ़ भाजपा नेताओं की टिप्पणियों को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद आरोप है कि प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों को बुलडोज़र का इस्तेमाल करके गिरा दिया था. इस संबंध में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी. इधर, अलीगढ़ शहर में फ्लैग मार्च में पुलिस द्वारा बुलडोज़र शामिल किए जाने का मामला सामने आया है.
अतीत में मुसलमानों को सज़ा देने के लिए क़त्लेआम किया जाता था, भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालती थी, उनको निशाना बनाकर हत्याएं होती थीं, वे हिरासतों, फ़र्ज़ी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जाते या झूठे आरोपों में क़ैद किए जाते थे. अब उनकी संपत्तियों को बुलडोज़र से ढहा देना इस फेहरिस्त में जुड़ा एक नया हथियार है.
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में कार्ते परवान गुरुद्वारे पर शनिवार सुबह की प्रार्थना के समय आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ‘बर्बर’ आतंकवादी हमले की निंदा की है.