संसदीय समिति ने अपनी सिफ़ारिशों में कहा है कि ‘देश भर में कई ऐतिहासिक स्मारक बड़ी संख्या में लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखते हैं. ऐसे स्मारकों पर पूजा/धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने से लोगों की वैध आकांक्षाएं पूरी हो सकती हैं’. इस पर संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि वह इसकी व्यवहार्यता का पता लगाएगा.
महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले में स्थित बारसु गांव में एक तेल रिफाइनरी परियोजना प्रस्तावित है, लेकिन यहां 20 हज़ार साल पुराने शैल चित्र मौजूद हैं, जिन्हें राज्य पुरातत्व विभाग एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारकों के रूप में चिह्नित किया गया है. विशेषज्ञ रिफाइनरी से इन्हें नुकसान पहुंचने को लेकर चिंतित हैं.