लक्षद्वीप की कार्यकर्ता और फिल्मकार आयशा सुल्ताना ने कहा था कि केंद्र प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को ‘जैविक-हथियार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जिसे इसे लेकर भाजपा की स्थानीय इकाई ने उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया है. भाजपा नेताओं ने सुल्ताना का बचाव करते हुए कहा है कि पार्टी की पूरी इकाई पटेल की 'लोकतंत्र विरोधी, जनविरोधी और भयानक नीतियों की दुष्टता' से अवगत थी.
वीडियो: केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा लाए गए मसौदा क़ानूनों के तहत इस मुस्लिम बहुल द्वीप से शराब के सेवन से रोक हटाने, बीफ (गोवंश) उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने और तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़े तोड़े जाने हैं. इनमें बेहद कम अपराध क्षेत्र वाले लक्षद्वीप में एंटी-ग़ुंडा एक्ट लाना और दो से अधिक बच्चों वालों को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकने का भी प्रावधान भी शामिल है.
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को लेकर एक टीवी बहस में स्थानीय कार्यकर्ता आयशा सुल्ताना ने कथित तौर पर कहा कि केंद्र पटेल को लक्षद्वीप पर 'जैविक-हथियार' के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. इस पर भाजपा की स्थानीय इकाई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया है. सुल्ताना बीते दिनों पटेल द्वारा लाए कुछ प्रावधानों के विरोध में अग्रिम मोर्चे पर रही हैं.
केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा लाए गए मसौदा क़ानूनों के तहत इस मुस्लिम बहुल द्वीप से शराब के सेवन से रोक हटाने, बीफ (गोवंश) उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने और तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़े तोड़े जाने हैं. इनमें बेहद कम अपराध क्षेत्र वाले लक्षद्वीप में एंटी-गुंडा एक्ट लाना और दो से अधिक बच्चों वालों को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकने का भी प्रावधान भी शामिल है.
बीते 28 मई को केंद्र सरकार ने 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान के ग़ैर-मुस्लिमों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाने संबंधी अधिसूचना जारी की है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से मांग की गई है कि जब तक सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अदालत में लंबित है, तब तक केंद्र को नागरिकता संबंधी नए आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाए.
केंद्र की मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिया है.
बिहार के रोहतास ज़िले के सासाराम का मामला. सरकार ने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों को बंद कराने के आदेश दिए थे. इसके विरोध में छात्रों ने सार्वजनिक संपत्ति नष्ट की, अधिकारियों पर पथराव किया और कलक्ट्रेट गेट में आग लगा दी. छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों का कहना है कि सरकार जब मॉल और सिनेमा हॉल नहीं बंद करा रही है तो केवल कोचिंग ही क्यों बंद कराया जा रहा है.
विशेष: साल 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर द वायर की श्रृंखला के दूसरे हिस्से में जानिए कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद को, जिनके नफ़रत भरे भाषणों ने उन दंगाइयों में कट्टरता पैदा की, जिन्होंने फरवरी 2020 के आखिरी हफ़्ते में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में क़हर बरपाया.
विशेष: साल 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर द वायर की श्रृंखला के पहले हिस्से में जानिए उन हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं को, जिन्होंने नफ़रत फ़ैलाने, भीड़ जुटाने और फिर हिंसा भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सामूहिक हिंसा एक तरह की नहीं होती. दो समूह लड़ पड़ें, तो वह सामूहिक हिंसा है. एक समूह को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा भी सामूहिक हिंसा ही है. ऐसी हिंसा को भारत में प्रायः दंगा कह देते हैं. दंगा शब्द में कुछ स्वतः स्फूर्तता का भाव आता है, लेकिन यह सच नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अपने फैसले में सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से अधिक समय तक हुए प्रदर्शन को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था, जिसके ख़िलाफ़ कुछ कार्यकर्ताओं ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
काश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातें बनाने के बजाय समझते कि आंदोलन तो होते ही सत्ताओं की निरंकुशता पर लगाम लगाने के लिए हैं और उन्हें ख़त्म करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि ख़ुद पर उनका अंकुश हमेशा महसूस किया जाता रहे.
वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राज्यसभा में एक नए शब्द का ज़िक्र करते हुए कहा था कि पिछले कुछ समय से देश में एक नई बिरादरी ‘आंदोलनजीवी’ सामने आई है. ये पूरी टोली आंदोलन के बिना जी नहीं सकती और ये आंदोलन से जीने के लिए रास्ते ढूंढते रहते हैं. इस पर आरफा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: केंद्र के नए कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आंदोलनजीवी’ बयान पर रोष जताते हुए कहा कि यह किसानों का अपमान है. आंदोलनों के कारण भारत को औपनिवेशिक शासन से आज़ादी मिली और उन्हें गर्व है कि वे ‘आंदोलनजीवी’ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि कुछ समय से देश में एक नई जमात पैदा हुई है, आंदोलनजीवी. वकीलों, छात्रों, मज़दूरों के आंदोलन में नज़र आएंगे, कभी पर्दे के पीछे, कभी आगे. ये पूरी टोली है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते और आंदोलन से जीने के लिए रास्ते ढूंढते रहते हैं.