अडानी समूह द्वारा खरीदीं 10 कंपनियों के बकाये के निपटारे में सरकारी बैंकों को 74% घाटा: कांग्रेस

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्तीय संकट से जूझ रहीं 10 कंपनियों से 62,000 करोड़ रुपये वसूले जाने का दावा किया था, लेकिन अडानी समूह द्वारा उन कंपनियों को खरीदे जाने के बाद उन्होंने 16,000 करोड़ रुपये में समझौता कर लिया.

सरकारी बैंकों ने खाते में न्यूनतम राशि न रखने पर पांच साल में ग्राहकों से 8,500 करोड़ रुपये वसूले

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी कि बीते पांच सालों में सरकारी बैंकों के खातों में न्यूनतम राशि न रखने पर लिए जाने वाले शुल्क (मिनिमम बैलेंस पेनल्टी) में 35 प्रतिशत से अधिक बढ़ोत्तरी हुई है.

वित्त वर्ष 2014-15 से बैंकों ने 14.56 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले: केंद्र

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में बताया है कि बट्टे खाते में डाले गए कुल 14,56,226 करोड़ रुपये के ऋणों में से बड़े उद्योगों और सेवाओं के बट्टे खाते में डाले गए ऋण 7,40,968 करोड़ रुपये के थे.

वित्तीय धोखाधड़ी के सभी मामलों में सीबीआई जांच का सुझाव नहीं दिया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि किसी ने ग़लत किया है, तो उसे नतीजे भुगतने होंगे. लेकिन क्या सभी मामलों में सीबीआई जांच की ज़रूरत होती है? सीबीआई को बड़े डिफॉल्ट मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. यदि सभी मामलों में सीबीआई पर बोझ डालते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा.

बड़े पैमाने पर बैंकों के निजीकरण से फायदे से अधिक नुकसान हो सकता है: आरबीआई लेख

भारतीय रिज़र्व बैंक के बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंक लाभ को अधिकतम करने में अधिक कुशल हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में बेहतर प्रदर्शन किया है. हाल के वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बाज़ार का अधिक विश्वास हासिल किया है. उन्होंने कोविड-19 महामारी के झटके को बहुत अच्छी तरह से झेला है.

बैंक निजीकरण और क्रिप्टो विनियमन विधेयक के संसद में पेश न होने की क्या वजह है

सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी विनियमन और बैंक निजीकरण पर प्रमुख वित्तीय क्षेत्र के विधेयकों को इसलिए भी स्थगित कर दिया है कि बाज़ार परिदृश्य को क़ानून लाने के लिए अनुकूल नहीं देखा जा रहा है. इसके अलावा कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभाव और ओमीक्रॉन स्वरूप के बढ़ते ख़तरे भी महत्वपूर्ण कारक हैं जिन्होंने वित्तीय क्षेत्र के विधेयकों को स्थगित करने के सरकार के निर्णय को प्रभावित किया है.

सरकारी बैंक कर्मचारियों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, देशभर में सेवाएं प्रभावित

बैंक कर्मचारी चालू वित्त वर्ष में दो और सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ हड़ताल कर रहे हैं. हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों ख़ासकर एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा आदि बैंकों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह जारी रहा.

बैंकों को 13 कंपनियों के बैड लोन से 2.85 लाख करोड़ रुपये का नुकसान: यूनियन

बैंकों के संघ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बैंकिंग क़ानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र सरकार के कथित क़दम का विरोध करते हुए 16 और 17 दिसंबर को पूरे देश में बैंकों की दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. 

अगर एनपीए की चिंता है तो छोटे देनदार नहीं, बड़े कारोबारी क़र्ज़दारों के पीछे जाएं बैंक: कोर्ट

केनरा बैंक ने तिरुचिरापल्ली की सोशल सर्विस सोसाइटी को 48.8 लाख रुपये की राशि, जो 1994-95 में 1,540 लोगों को क़र्ज़ दी गई थी, को चुकाने के लिए उत्तरदायी बनाने का अनुरोध किया था, जिसे मद्रास हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था. बैंक ने इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिसने हाईकोर्ट का निर्णय बरक़रार रखा.

वित्त वर्ष 2020-21 में 12 सरकारी बैंकों में 81,921 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धोखाधड़ी: आरटीआई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि कोविड-19 संकट से बुरी तरह प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ऑफ इंडिया में सबसे ज़्यादा 12,184.66 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 177 मामले सूचित किए. उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक में 10,879.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,725 मामले सामने आए हैं.

निजीकरण के ख़िलाफ़ बैंक संगठनों का विरोध प्रदर्शन, मार्च में संसद के घेराव की योजना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में अपने बजट भाषण के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ का कहना है कि बैंक संगठन अगले 15 दिनों के दौरान देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे.

देश में पिछले 10 साल में माफ़ हुआ 4.7 लाख करोड़ रुपये का कृषि क़र्ज़

हालांकि किसानों की ये क़र्ज़ माफ़ी वास्तविकता के बजाय काग़ज़ों पर ही अधिक हुई हैं. इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक क़र्ज़ माफ़ नहीं किए जा सके हैं. सबसे ख़राब प्रदर्शन मध्य प्रदेश का रहा है. मध्य प्रदेश में महज़ 10 प्रतिशत क़र्ज़ माफ़ किए गए हैं.

बैंकों में बढ़े धोखाधड़ी के मामले, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे ज़्यादा: रिज़र्व बैंक

भारतीय रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में बैंकों में क़रीब 72 करोड़ रुपये की कुल धोखाधड़ी हुई, जिसमें 55.4 प्रतिशत मामले सार्वजनिक बैंकों से जुड़े थे.