पंजाब के फिरोज़पुर में पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग अवरुद्ध करने के कारण फ्लाईओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना लौट गए थे. इस सुरक्षा चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति का गठन किया था.
एग्जिट पोल्स के रूप में प्रचारित व प्रसारित की जा रहे कयासों की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि उनमें से कोई भी अपनी प्रविधि की वैज्ञानिकता व वस्तुनिष्ठता को लेकर इतना आश्वस्त नहीं करते कि उन्हें अटकलों से अधिक कुछ माना जाए.
विधानसभा चुनाव राउंड-अप: यूपी में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर सपा-रालोद उम्मीदवार समेत 60 पर मामला दर्ज हुआ. उत्तराखंड में हरक सिंह रावत की वापसी को लेकर कांग्रेस में विरोध बढ़ा. पंजाब के मुख्यमंत्री ने ईडी के छापों को साज़िश बताया है, वहीं गोवा में शिवसेना-एनसीपी के बीच चुनाव-पूर्व गठबंधन हुआ.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती होने की वजह से 14 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने का आग्रह किया था. अब चुनाव की तारीख 20 फरवरी तय की गई है.
वीडियो: पंजाब में विधानसभा चुनाव नज़दीक आने के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के पुराने ‘पंजाब मॉडल’, अरविंद केजरीवाल, प्रधानमंत्री मोदी की रैली समेत विभिन्न मुद्दों पर हमला बोला है. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनआईए महानिरीक्षक, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) को समिति का सदस्य नियुक्त करते हुए कहा कि सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करेगा.
प्रधानमंत्री की ख़ासियत है कि जब-जब वे अप्रिय स्थिति में पड़ते हैं किसी न किसी तरह उनकी जान को ख़तरा पैदा हो जाता है. जब से वे मुख्यमंत्री हुए तब से अब तक कुछ समय के बाद उनकी हत्या की साज़िश की कहानी कही जाने लगती है. लोग गिरफ़्तार किए जाते हैं, पर कुछ साबित नहीं होता. फिर एक रोज़ नए ख़तरे की कहानी सामने आ जाती है.
एक आधिकारिक जांच आयोग ने पाया कि भारती और डेल मोंटे के स्वामित्व वाली फर्म ने लीज़ समझौते का उल्लंघन किया है. इसके अलावा लीज़ को तत्काल रद्द करने की अनुशंसा करने वाली रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सुरक्षा में चूक को लेकर ख़ुद प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जिस तरह उसी क्षण से इस घटना को सनसनीखेज़ बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने में लग गए हैं, उससे ज़ाहिर है कि वे घटना की गंभीरता को लेकर कम और उससे मुमकिन चुनावी फायदे के बारे में ज़्यादा गंभीर हैं.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई है. इस सवाल को रैली में कितने लोग आए, कितने नहीं आए इसे लेकर ज़्यादा बहस की ज़रूरत नहीं. सुरक्षा इंतज़ामों में पंजाब सरकार की भूमिका हो सकती है लेकिन यह एसपीजी के अधीन होती है. प्रधानमंत्री कहां जाएंगे और उनके बगल में कौन बैठेगा यह सब एसपीजी तय करती है. इसलिए सबसे पहले कार्रवाई केंद्र सरकार की तरफ से होनी चाहिए.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नवगठित पंजाब लोक कांग्रेस के नेता अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक की थी, जिसके बाद ये निर्णय लिया गया है.
ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ की घोषणा की है. उनके इस क़दम से एसकेएम में उनके भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मोर्चे के नेता डॉ. दर्शन पाल कह चुके हैं कि राजनीति में जाने वाले किसानों को एसकेएम छोड़ना होगा.
पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री पद संभालने के साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. अब इसे वापस लेते हुए उन्होंने यह शर्त भी रखी है कि जब तक राज्य के नए महाधिवक्ता को हटा नहीं दिया जाता वह पद की ज़िम्मेदारी फिर से नहीं संभालेंगे.