पंजाब में आम आदमी पार्टी की झाड़ू ऐसी चली है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री समेत 5 पूर्व मंत्री, 54 भाजपा उम्मीदवार, 30 कांग्रेस उम्मीदवार और 27 शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार अपनी जमानत तक जब्त होने से बचा नहीं सके.
पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है. कांग्रेस को इनमें से 18 सीटों पर जीत मिली है. अकाली दल ने 3 सीटें हासिल की हैं, जबकि भाजपा के खाते में 2 सीटें आई हैं. निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.
बीते दिनों आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल राज्य के मुख्यमंत्री बनने के लिए पंजाब में अलगाववादी तत्वों से ‘समर्थन लेने के लिए तैयार’ हैं. केजरीवाल ने इस आरोप का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस जनादेश से जनता ने साफ़ कर दिया है कि केजरीवाल ‘आतंकवादी’ नहीं, बल्कि देश का सच्चा सपूत और देशभक्त है.
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक हस्तियों के साथ अभिनेता की हालिया बैठकों पर कुछ मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान देने के बाद यह निर्णय लिया गया है. सोनू सूद ने कहा कि यह निर्णय मेरे और चुनाव आयोग द्वारा मेरे परिवार के एक सदस्य द्वारा पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के आलोक में लिया गया है.