किसान संगठनों द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की क़ानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बॉर्डर पर 6 महीनों से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच विश्वास की कमी है, सरकार को उन तक पहुंचने के लिए कदम उठाने चाहिए.
पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर का दृश्य 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन की सटीक पुनरावृत्ति है. किसानों ने कहा कि पिछले आंदोलन के समय हमें एमएसपी पर क़ानून बनाने का आश्वासन दिया था, तो केंद्र सरकार क़रीब तीन साल तक क्यों बैठी रही. मोदी सरकार निश्चित रूप से अपने अहंकार के चरम पर है.
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