दिल्ली चलो मार्च: शंभू बॉर्डर पर किसानों ने कहा- एमएसपी पर क़ानून बनने तक वापस नहीं लौटेंगे

पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर का दृश्य 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन की सटीक पुनरावृत्ति है. किसानों ने कहा कि पिछले आंदोलन के समय हमें एमएसपी पर क़ानून बनाने का आश्वासन दिया था, तो केंद्र सरकार क़रीब तीन साल तक क्यों बैठी रही. मोदी सरकार निश्चित रूप से अपने अहंकार के चरम पर है.

//
पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर पर प्रदर्शनकारी. (फोटो: विवेक गुप्ता)

पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर का दृश्य 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन की सटीक पुनरावृत्ति है. किसानों ने कहा कि पिछले आंदोलन के समय हमें एमएसपी पर क़ानून बनाने का आश्वासन दिया था, तो केंद्र सरकार क़रीब तीन साल तक क्यों बैठी रही. मोदी सरकार निश्चित रूप से अपने अहंकार के चरम पर है.

पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर पर प्रदर्शनकारी. (फोटो: विवेक गुप्ता)

पटियाला (शंभू बैरियर, पंजाब): पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित शंभू बैरियर पर सात-आठ किलोमीटर तक लंबी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतार लग गई हैं, क्योंकि किसान दिल्ली की ओर अपने मार्च से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं.

13 फरवरी को शुरू हुए किसानों के दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा आंसू गैस और बल प्रयोग का इस्तेमाल करने वाले दृश्य मीडिया में प्रसारित होने के बाद से भीड़ कई गुना बढ़ गई है.

शंभू बैरियर का दृश्य 2020 में दिल्ली की सीमाओं के बाहर हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन की सटीक पुनरावृत्ति है. किसानों का कहना है कि वे केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का मुकाबला करने के लिए और भी अधिक दृढ़ हैं.


ये भी पढ़ें: राजधानी आ रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के 30,000 गोलों का ऑर्डर दिया


अमृतसर के एक किसान जसपाल सिंह ने द वायर को बताया कि पिछली बार किसान आंदोलन समाप्त करते समय किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने के साथ-साथ मुआवजे आदि की अन्य मांगों पर मोदी सरकार के मौखिक आश्वासन पर विश्वास करके गलती की थी.

उन्होंने कहा, ‘हम इस बार यह गलती नहीं दोहराएंगे. जब तक केंद्र कानून नहीं बनाता और अन्य मांगें पूरी नहीं करता, हम घर नहीं लौटेंगे, फिर चाहे इसमें हमें 13 दिन, 13 महीने या 13 साल लग जाएं.’

फिरोजपुर के एक अन्य किसान बलतेज सिंह ने बताया कि एमएसपी कानून पर गारंटी न केवल उनके लिए, बल्कि देश भर के किसानों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि गेहूं-धान फसल चक्र ने पंजाब को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है, इस तथ्य के बावजूद कि पंजाब चावल का उपभोक्ता भी नहीं है. ऐसे स्थान हैं जहां गेहूं-धान चक्र पर किसानों की आर्थिक निर्भरता के कारण जलस्तर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है.


ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन: मोदी सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध के लिए ब्रिटिशकालीन क़ानून का उपयोग किया


उन्होंने कहा कि ऐसा दोषपूर्ण एमएसपी प्रणाली के कारण हो रहा है. केंद्र 23 फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करता है, फिर भी यह सुनिश्चित करने का कोई प्रावधान नहीं है कि गेहूं और धान के अलावा अन्य फसलों की खरीद सरकार द्वारा घोषित एमएसपी पर की जाए.

उन्होंने कहा, ‘मेरे पास 20 एकड़ खेत है. अगर मैं धान की फसल छोड़कर मक्का या दालें बोने का फैसला करता हूं, तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि मुझे अपनी उपज के लिए एमएसपी मिलेगा या नहीं.’

बलतेज ने कहा कि पंजाब में किसानों को अभी भी गेहूं और धान पर एमएसपी मिलता है. हालांकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में किसानों को इन फसलों पर भी एमएसपी नहीं मिलता है.

उन्होंने कहा, ‘हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरकार को एमएसपी व्यवस्था के तहत सभी फसलों को खरीदने की जरूरत है. हालांकि, वह कम से कम एक कानून ला सकती है जो यह सुनिश्चित करता हो कि एमएसपी घोषित फसलें सरकारी दरों से नीचे नहीं खरीदी जाएंगी, फिर चाहे वह सरकार द्वारा खरीदी जाएं या निजी एजेंसियों द्वारा.’

किसानों ने बीते 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च शुरू किया था. (फोटो: विवेक गुप्ता)

गुरदासपुर के एक किसान तरसेम सिंह ने द वायर को बताया कि यह उनके लिए अभी नहीं तो कभी नहीं वाली स्थिति है.

उन्होंने कहा, ‘हम यहां लंबी अवधि के लिए हैं. हम जानते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले अपनी लोकप्रियता में सेंध लगने के डर से मोदी जान-बूझकर हमें दिल्ली पहुंचने से रोक रहे हैं. लेकिन यह उनका ही किया धरा है. जब उन्होंने 2021 में किसानों के पिछले आंदोलन के समय हमें एमएसपी पर कानून बनाने का आश्वासन दिया था, तो उनकी सरकार करीब तीन साल तक इस पर क्यों बैठी रही?’

एक अन्य किसान अवतार सिंह ने कहा कि यह सिर्फ एमएसपी पर कानून का सवाल नहीं है; फसल का मूल्य निर्धारण भी उत्पादन की बढ़ती लागत के अनुरूप नहीं है, जिससे खेती अलाभकारी हो गई है और किसान कर्ज में डूब गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘किसानों को 6,000 रुपये नकद सब्सिडी देना एक मजाक है. हम अपनी फसल का सही मूल्य चाहते हैं, जो सरकार द्वारा घोषित एमएसपी से कम नहीं होना चाहिए.’

हालात शांत हैं, लेकिन अस्थायी तौर पर

शंभू बैरियर पर किसानों ने सड़क पर डेरा डाल दिया है और जनता के लिए 24 घंटे लंगर चल रहे हैं.

बटाला के एक किसान गुरपीत सिंह ने द वायर को बताया कि जब किसान शांतिपूर्वक मार्च कर रहे थे, तब शंभू बैरियर के हरियाणा की ओर खड़े सुरक्षा बलों ने अत्यधिक बल प्रयोग किया, जिससे उनके कई साथी किसान घायल हो गए.

उन्होंने कहा, ‘क्या हमारी जायज मांगों के जवाब में बल प्रयोग करना उचित है? मोदी सरकार निश्चित रूप से अपने अहंकार के चरम पर है.’

शंभू बैरियर पर किसानों के लंगर के लिए टेंट लगाए गए हैं. (फोटो: विवेक गुप्ता)

उन्होंने कहा, ‘अभी स्थिति शांत है क्योंकि हम अपने नेताओं की अगली कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं. एक बार हमें हरी झंडी मिल जाए तो हम निश्चित रूप से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े.’

प्रदर्शन स्थल पर एक ध्यान देने योग्य बात युवाओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी है, जो मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. हर घंटे भीड़ बढ़ती जा रही है. विरोध का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक गुट द्वारा किया जा रहा है, जिसने किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के साथ 2020 के किसान आंदोलन में निर्णायक भूमिका निभाई थी.

केएमएससी के घटक क्रांतिकारी संगठन के नेताओं ने द वायर को बताया कि उन्हें इस बात की ज्यादा उम्मीद नहीं है कि सरकार उनकी प्रमुख मांगों को मान लेगी.

जसपाल सिंह कहते हैं, ‘अंतत: हम दिल्ली में डेरा डालेंगे और विजयी होकर लौटेंगे, जिस तरह कि 2021 में तीन कृषि कानून वापस ले लिए गए थे. हमारा काम पिछली बार अधूरा रह गया था, जिसे हम इस बार पूरा करेंगे.’

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq