शीर्ष अदालत उस मामले में फैसला दे रही थीं, जहां एक व्यक्ति पर साल 1993 में उनकी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था. कोर्ट ने निचली अदालतों को ऐसे मामलों में पति और उसके रिश्तेदारों के ख़िलाफ़ क़ानूनी निष्कर्ष निकालने के प्रति आगाह किया, जहां किसी महिला ने शादी के सात साल के भीतर आत्महत्या की हो.
सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा हाईकोर्ट के उस फैसले को भी रद्द कर दिया जिसमें टेक्निकल कोर्स को पत्राचार के माध्यम से करने की अनुमति दी गई थी.