एएसआई ने कहा- क़ुतुब मीनार में नहीं हो सकती पूजा, अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा

दिल्ली के साकेत ज़िला अदालत में मामले को सुनते हुए जज ने सवाल किया कि वादी किस आधार पर ऐसी संरचना पर क़ानूनी अधिकार की मांग कर रहे थे जिसे कथित तौर पर 800 साल पहले नष्ट कर दिया गया था.

अदालत ने एएसआई को कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की मूर्तियां नहीं हटाने का दिया निर्देश

दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अगले आदेश तक यहां कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो मूर्तियों को नहीं हटाने के आदेश दिए. एक याचिका में कहा गया था कि प्राचीन काल से परिसर में भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं और उन्हें आशंका है कि एएसआई उन्हें केवल कलाकृतियां मानते हुए किसी राष्ट्रीय संग्रहालय में भेज सकता है.

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने कुतुबमीनार परिसर से गणेश की दो मूर्तियां हटाने को कहा

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पत्र भेजा हैं, जिसमें मूर्तियों को संग्रहालय में सम्मानजनक स्थान दिए जाने की बात कही गई है. प्राधिकरण के अध्यक्ष भाजपा नेता तरुण विजय ने कहा कि हमें उस सांस्कृतिक नरसंहार को उलटने के लिए काम करने की जरूरत हैं, जिसका सामना हिंदुओं ने मुग़ल शासकों के हाथों किया था.

दिल्ली: क़ुतुबमीनार के अंदर देवताओं की पूजा करने की मांग वाली याचिका ख़ारिज

एक याचिका में कहा गया था कि मुहम्मद ग़ोरी के सेनापति क़ुतुबद्दीन ऐबक ने विष्णु हरि मंदिर और 27 जैन मंदिरों को नष्ट कर परिसर के भीतर एक आंतरिक निर्माण कराया था और परिसर का नाम बदलकर ‘कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद’ कर दिया था. इसे ख़ारिज करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि पिछली ग़लतियों के आधार पर वर्तमान और भविष्य की शांति को भंग नहीं किया जा सकता.