रफाल दस्तावेज़ चोरी पर कांग्रेस अध्यक्ष बोले- दो करोड़ रोजगार गायब हो गया. किसानों के बीमा का पैसा गायब हो गया. 15 लाख रुपया गायब हो गया. अब रफाल की फाइलें गायब हो गईं.
द हिंदू के चेयरमैन और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने कहा कि रफाल सौदे से जुड़ी जानकारियां दबा कर या छिपा कर रखी गई थीं जिसके कारण ही उनसे जुड़े दस्तावेज़ जनहित में प्रकाशित किए गए. उन्होंने कहा कि आप इसे चोरी हो गए दस्तावेज़ कह सकते हैं लेकिन हम इसको लेकर चिंतित नहीं हैं.
रफाल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण के द हिंदू अख़बार की ख़बर का हवाला देने पर अटार्नी जनरल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह लेख चोरी किए गए गोपनीय दस्तावेज़ों पर आधारित है, जो गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ इस बात को भी तय करेगी की कि इस मामले की सुनवाई खुली अदालत में होनी है या नहीं. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका को भी इसी में शामिल किया गया है.
बीते 14 दिसंबर के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से संबंधित दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को ठुकरा दी थी.
कांग्रेस ने महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए उनके द्वारा संसद में रफाल सौदे की ऑडिट रिपोर्ट पेश करने पर ऐतराज़ जताया.
रफाल सौदे पर बातचीत के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक टीम गठित की, उसी तरह फ्रांस की तरफ से भी एक टीम बनी. दोनों के बीच लंबे समय तक बातचीत और मोलभाव हुआ. इस बीच भारतीय टीम को पता चला कि इस बातचीत में उनकी जानकारी के बिना पीएमओ भी शामिल है और अपने स्तर पर शर्तों को बदल रहा है. लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह बात छिपाई. क्या ये सरकार सुप्रीम कोर्ट से भी झूठ बोलती है?
एक आरटीआई के जवाब में सीएजी ने कहा, ‘ऑडिट में प्रगति हो रही है और रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. यह सूचना आरटीआई कानून की धारा 8(1)(सी) के तहत नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऐसा करना संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा.’
कांग्रेस ने भाजपा नेता और गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत पी. राणे के साथ एक अज्ञात व्यक्ति की बातचीत की रिकॉर्डिंग जारी की है. इसमें कथित रूप से राणे एक व्यक्ति को बता रहे हैं कि राफेल से संबंधित दस्तावेज़ मनोहर पर्रिकर के बेडरूम में हैं.
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि कोर्ट के फैसले में कई सारी गलतियां हैं, इसलिए इसकी समीक्षा की जानी चाहिए. बीते 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से संबंधित दायर सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को ठुकरा दी थी.
सरकारी फाइलों में दर्ज है कि दिसंबर 2015 में जब समझौता वार्ता नाजुक मोड़ पर थी, उस समय प्रधानमंत्री कार्यालय ने हस्तक्षेप किया था.
सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के प्रमुख आर.माधवन ने कहा कि राफेल सौदे की शुरुआत में एचएएल राफेल विमान बनाने में सक्षम थी लेकिन मौजूदा सरकार 36 विमानों की डिलीवरी जल्द से जल्द चाहती थी, जो भारत में बनाना संभव नहीं था.
वीडियो: हम भी भारत की 60वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी राफेल सौदे की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिकाएं ख़ारिज होने पर अधिवक्ता प्रशांत भूषण और द वायर के फाउंडिंग एडिटर एमके वेणु से चर्चा कर रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक संशोधित रिपोर्ट के बारे में लिखा गया है. हालांकि कैग और संसद के अधिकारियों ने बताया कि संविधान में ऐसी किसी रिपोर्ट का प्रावधान नहीं है.
राफेल मामले की सुनवाई के दौरान कैग रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य देने के आरोप में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.