कर्नाटक विधानसभा चुनाव राउंडअप: राहुल ने व्यक्तिगत हमले के लिए किया मोदी पर पलटवार, देवगौड़ा ने सिद्धारमैया पर साधा निशाना.
कांग्रेस की जन आक्रोश रैली पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह एक परिवार की हार का मातम है. कांग्रेस की नकारात्मक और मुद्दों से भटकाने की राजनीति से देश थक चुका है. यह परिवार आक्रोश रैली है.
मध्य प्रदेश में कमलनाथ को नया कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर पूर्व सांसद और दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने की टिप्पणी. कमलनाथ के साथ चार अन्य को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.
कांग्रेस के इस फ़ैसले ने पार्टी के अंदर एक विचार को जन्म दिया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के खेमे ने सिंधिया गुट के ऊपर एक बड़ी जीत हासिल की है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए हैं. बाला बच्चन, रामनिवास रावत, जीतू पटवारी और सुरेंद्र चौधरी कार्यकारी अध्यक्ष होंगे.
उत्तर प्रदेश के बलिया से भाजपा सांसद भरत सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में लोगों के ईसाई बनने से लोकतंत्र कमजोर हुआ है.
नोटबंदी से पहले तक तो जनता ये कल्पना भी नहीं करती थी कि कभी उसे बैंकों में जमा अपना ही धन पाने में इतनी समस्याएं पेश आएंगी और सरकार के झूठे आश्वासन जले पर नमक छिड़कते नज़र आएंगे.
राहुल गांधी ने कहा कि नकदी की कमी से देश फिर से ‘नोटबंदी के आतंक’ की गिरफ़्त में है. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि दो-तीन दिन में समस्या सुलझा ली जाएगी.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भगवा आतंकवाद को लेकर कांग्रेस नेताओं की बयानबाज़ी पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी को देश से माफ़ी मांगने को कहा है.
कर्नाटक के 600 से अधिक ‘मठों’ ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा के प्रमुखों को अपनी शरण में आने पर मजबूर कर दिया है.
1996 से लेकर अब तक लोकसभा चुनाव में औसतन 235 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के अलावा क्षेत्रीय दलों ने जीत हासिल की है.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, '2013 में जब संप्रग की सरकार केंद्र की सत्ता में थी तो उन्होंने लिंगायत और वीरशैवों को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाला प्रस्ताव खारिज कर दिया था. उस वक्त सिद्दारमैया चुप क्यों थे? यह हिंदुओं को बांटने की कोशिश है.'
राज बब्बर ने इस्तीफ़े का स्पष्ट कारण नहीं बताया. उनसे पहले गोवा में पार्टी प्रमुख शांताराम नाइक ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था.
यह बात बिल्कुल दो और दो चार जैसी साफ है कि कांग्रेस महाधिवेशन के मंच से जो भी बोला जा रहा था वो महज़ राजनीतिक भाषणबाज़ी थी.
हमारे महान खिलाड़ियों को जनता सिर-आंखों पर बैठाती है, मगर जनता पर जब ऐसी कोई त्रासदी बरपा करती है- जिसके लिए सरकार या समाज का एक वर्ग ज़िम्मेदार हो तो वे ऐसे विलुप्त हो जाते हैं, गोया इस दुनिया में रहते न हों.