सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी भाषिक संयम के लिए नहीं जाने जाते हैं. मोदी की पकड़ भाषा और उसके नाटकीय इस्तेमाल पर कहीं ज़्यादा गहरी है.
यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद भी कई सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं. इसमें रायबरेली और अमेठी सीटें भी हैं.