2018 में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्रालय संभालने के दौरान की रेलवे परियोजनाओं के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू की थी. मई 2021 में जांच बंद कर दी गई थी. तब सीबीआई सूत्रों ने कहा था कि 'आरोपों को लेकर कोई मामला नहीं बना.'
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने केरल सरकार की महत्वाकांक्षी ‘के-रेल’ परियोजना की आलोचना करते हुए कहा कि इससे कृषि भूमि और आर्द्रभूमि नष्ट होने का ख़तरा है. इस परियोजना के पारिस्थितिक प्रभाव को मापने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के साथ ही केंद्र ने भी इसके लिए अभी तक अनुमति नहीं दी है.