राजस्थान के मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कांग्रेस आलाकमान ने अनुसूचित जाति व जनजाति और महिलाओं को अच्छी संख्या में प्रतिनिधित्व देकर एक प्रयोग करने की कोशिश की है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह कांग्रेस की अपने पुराने और पारंपरिक वोट बैंक की ओर लौटने की छटपटाहट है.
कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है और मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है, जिसे पार्टी आलाकमान द्वारा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.