तीन साल पहले 22 जुलाई 2016 को चेन्नई से पोर्ट-ब्लेयर जा रहा वायुसेना का एएन-32 विमान लापता हो गया था. इसमें 29 लोग सवार थे. तकरीबन दो महीने तक विमान के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका. इसके बाद वायुसेना ने तलाशी अभियान पर रोक लगा दी और विमान में सवार सभी लोगों को मृत मान लिया गया.
यह देखना दिलचस्प होगा कि नरेंद्र मोदी सारी सत्ता व अधिकार अपनी मुट्ठी में क़ैद रखने की अपने पिछले कार्यकाल की रीति-नीति बदलने में कोई दिलचस्पी रखते हैं या नहीं?
भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद विमान अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका वायुक्षेत्र में लापता हुआ. आख़िरी बार विमान से दिन में करीब एक बजे संपर्क हुआ था.
नरेंद्र मोदी के साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल हैं.
अरुणाचल प्रदेश की खोंसा पश्चिम विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक तिरोंग अबो, अपने बेटे और दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ अन्य लोगों के साथ असम से लौट रहे थे. अरुणाचल प्रदेश के तिरप ज़िले के बोगापानी गांव के पास अज्ञात हमलावरों ने की गोलीबारी.
लोकसभा चुनाव 2019 से जुड़ीं सभी महत्वपूर्ण ख़बरें.
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लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, स्मृति ईरानी सहित कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है.
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में आईडीडी के ज़रिये किए गए विस्फोट में जवानों को ले जा रहे वाहन के ड्राइवर की भी मौत. इससे पहले नक्सलियों ने गढ़चिरौली में ही सड़क निर्माण कर रही टीम की 25 गाड़ियों को आग लगा दी थी.
कांग्रेस की ओर से वाराणसी सीट पर अजय राय का उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि सपा-बसपा गठबंधन ने शालिनी यादव को चुनाव मैदान में उतारा है.
भाजपा की मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने की रणनीति के परिणाम भयावह होंगे.
सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले जस्टिस सीएस कर्णन को जून 2017 में सेवानिवृत्ति के बाद छह महीने की जेल की सज़ा काटनी पड़ी थी. वाराणसी के साथ उन्होंने मध्य चेन्नई लोकसभा सीट के लिए भी अपना नामांकन दाख़िल किया है.
समझौता एक्सप्रेस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि अभियोजन कई गवाहों से पूछताछ और उपयुक्त सबूत पेश करने में नाकाम रहा इसलिए मजबूरन आरोपियों को बरी करना पड़ा. जब एनआईए जैसी शीर्ष जांच एजेंसी एक भयानक आतंकी हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में इस तरह बर्ताव करती है, तो देश की जांच और अभियोजन व्यवस्था की क्या साख रह जाती है?
तेज बहादुर यादव ने कहा कि मेरा उद्देश्य जीत या हार नहीं है. मेरा मक़सद लोगों के सामने यह लाना है कि किस तरह से इस सरकार ने सेनाओं, ख़ासकर अर्धसैनिक बलों को निराश किया है. पीएम मोदी हमारे जवानों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते हैं.