समस्या सड़क पर नमाज़ पढ़ने में नहीं, उसे देखने के तरीके में है

क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.

पुलिस, जज, प्रशासन, मीडिया सभी को देश का संविधान पढ़ना चाहिए: जस्टिस दीपक गुप्ता

वीडियो: हाल के दिनों में देश में लगातार बढ़ी सांप्रदायिक हिंसा और तनाव की घटनाओं के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

‘यह आज़ाद भारत के इतिहास का सबसे बुरा दौर है’

वीडियो: पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में हुए सांप्रदायिक घटनाक्रम के बाद तनाव का माहौल है. मध्य प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के घर-दुकान ढहाए गए, तो कहीं मस्जिदों के सामने अभद्र नारे लगे. इसके मद्देनज़र द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की इतिहासकार रामचंद्र गुहा से बातचीत.