अमेरिका के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट्स द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि भारत समेत कई देशों में किए गए सर्वे में सामने आया है कि 75 फीसदी महिला पत्रकारों ने माना है कि वे ऑनलाइन हिंसक हमलों का सामना कर रही हैं. कई महिलाओं ने यह भी बताया कि ऑनलाइन ट्रोलिंग का नतीजा शारीरिक हमलों के तौर पर भी सामने आया.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग़ाज़ियाबाद की विशेष अदालत द्वारा समन किए जाने को चुनौती देने वाली पत्रकार राना अयूब की याचिका ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सुनवाई कर रही निचली अदालत के समक्ष न्यायाधिकार का मुद्दा उठाने की अनुमति दी है.
ईडी ने आरोप लगाया है कि अप्रैल, 2020 से पत्रकार राना अयूब ने धर्मार्थ कार्यों के लिए धन एकत्र करने के मकसद से तीन चैरिटी अभियान शुरू किए और कुल 2.69 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की थी. बाद में यह यह धनराशि अयूब के पिता एवं बहन के खातों में भेजी गई थी और इसे उनके व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर कर दिया गया था.
विशेष अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत के निर्देश को बरक़रार रखते हुए कहा कि जिस तरह आकार पटेल के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया, वह संबंधित क़ानून की समझ की कमी को दर्शाता है. इससे पहले मजिस्ट्रेट अदालत ने सीबीआई को तुरंत सर्कुलर वापस लेने का निर्देश दिया था.
दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और लेखक आकार पटेल को अमेरिका जाने की अनुमति देते हुए सीबीआई को लुकआउट सर्कुलर वापस लेने का निर्देश दिया था. अब उसने इस आदेश पर रोक लगा दी है. वहीं, गुरुवार शाम को पटेल को फिर बेंगलुरु हवाईअड्डे पर रोक दिया गया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और लेखक आकार पटेल को सीबीआई द्वारा उनके ख़िलाफ़ जारी लुकआउट सर्कुलर का हवाला देकर बीते छह अप्रैल को बेंगलुरु हवाईअड्डे से देश छोड़कर जाने से रोक दिया गया था. अदालत ने सीबीआई निदेशक को अपने अधीनस्थ की ओर से चूक को स्वीकार करते हुए पटेल को एक लिखित माफ़ी जारी करने को भी कहा है.
सीबीआई ने एफसीआरए से जुड़े एक मामले में लुकआउट सर्कुलर का हवाला देकर एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख और लेखक आकार पटेल को बेंगुलरू हवाईअड्डे पर रोक दिया गया. वह बर्कले और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अमेरिका जा रहे थे.
हिंदू-मुसलमान का एक्शन, ‘हिंदू खतरे में है’ का नाच, जेएनयू पर डायलॉग, संसद का सास-बहू, लव जिहाद का धोखा... पूरा देश समाचारों में एकता कपूर के सीरियल देख रहा है, वहीं भुखमरी, किसान आत्महत्या, बलात्कार, बेरोज़गारी, निर्माण और उत्पादकता का विनाश, महिला और दलित उत्पीड़न के बारे में नज़र आती है तो केवल... चुप्पी.