अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय समाज के उस मर्म को बखूबी समझते रहे कि अति की सोच भारत जैसे लोकतांत्रिक-सेक्युलर देश में संभव नहीं है. इसलिए पीएम की कुर्सी पर बैठे भी तो उन विवादास्पद मुद्दों को दरकिनार कर जिस पर देश में सहमति नहीं है.
वीडियो: गुजरात दंगों के बाद पहली बार राज्य के दौरे पर गए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जब एक पत्रकार ने पूछा कि मुख्यमंत्री के लिए क्या संदेश है तब उन्होंने कहा, ‘राजधर्म का पालन करें.’
तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी कुल मिलाकर 47 साल तक संसद के सदस्य रहे. वह 10 बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए.
अपनी चिरपरिचित मुस्कुराहट, सौम्यता, शब्दों की विरासत और कई खट्टी-मीठी यादों को पीछे छोड़ कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अनंत यात्रा पर निकल गए.
अयोध्या में सरयू के जल से वजू करने और उसके ही तट पर नमाज़ पढ़ने के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कथित सौहार्द कार्यक्रम से आरएसएस के पल्ला झाड़ने के बाद पूरे आयोजन में बदलाव कर दिया गया.
बिप्लब रॉय ने कहा कि एक से छह जून के बीच संघ से जुड़ने के लिए वेबसाइट पर रोजाना औसतन 378 अनुरोध आते थे. सात जून के मुखर्जी के संबोधन के बाद से हमें रोजाना 1,200-1,300 अनुरोध मिल रहे
मराठी लेखक विनय हार्दिकर ने सवाल उठाया कि आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिए गए लोगों की तुलना में आरएसएस के कार्यकर्ता अधिक थे. क्या सरकार उन्हें नकद पुरस्कार देना चाहती है.
प्रणब दा आप नागपुर में संघ को यह नहीं बता पाए कि नेहरू की भारत माता और हेडगेवार की भारत माता में ज़मीन-आसमान का फ़र्क़ है. इसीलिए आप यह फ़र्क़ करने में भी चूक गए कि भारत माता के महान सपूत होने की बुनियादी कसौटी क्या है.
मीडिया बोल की 53वीं कड़ी में उर्मिलेश पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में संघ के कार्यक्रम में शामिल होने पर वरिष्ठ पत्रकार आरती जेरथ और वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई से चर्चा कर रहे हैं.
प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय जाने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जिन्होंने महात्मा गांधी के क़त्ल पर जश्न मनाया था, वह उनके दफ़्तर जाकर बहुलतावाद की बात करते हैं, किसको बेवकूफ बना रहे हैं वो.
अगर देश के संविधान का मूल स्तंभ सहिष्णुता और धर्म-निरपेक्षता है, तो फिर मोदी सरकार के शुरुआती तीन साल तक संविधान के मुखिया के पद पर बैठकर प्रणब मुखर्जी ने क्या किया?
वीडियो: नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित किए जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर हिंदी के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह.
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि इस प्रकार खुलेपन की भावना और आपसी सम्मान के साथ विचारों के आदान-प्रदान से सहिष्णुता और सौहार्द की भावना तैयार करने में मदद मिलेगी.
नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पर हुए कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के शामिल होने के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुईं फ़र्ज़ी तस्वीरें. संघ ने फ़र्ज़ी तस्वीरों से किनारा किया.
संघ मुख्यालय, नागपुर में आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘हमारा राष्ट्रवाद किसी क्षेत्र, भाषा या धर्म विशेष के साथ बंधा हुआ नहीं है.’