‘रथ प्रभारी’ अब नोडल अधिकारी कहे जाएंगे, निर्वाचन आयोग ने कहा- चुनावी क्षेत्रों में न हो अभियान

बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया था कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान में 'ज़िला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जा सके.

आईएएस अफ़सरों को ‘रथ प्रभारी’ बनाना न केवल अनैतिक, बल्कि ग़ैर-क़ानूनी भी है: पूर्व सचिव

सरकारी अधिकारियों को केंद्र सरकार के प्रचार अभियान में तैनात करने को लेकर भारत सरकार के पूर्व सचिव ईएएस शर्मा ने द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित कर सकने वाली किसी गतिविधि में लोकसेवकों को शामिल करना चुनाव क़ानूनों का उल्लंघन है.

मोदी सरकार के सरकारी अधिकारियों को ‘रथ प्रभारी’ बनाने के क़दम की आलोचना

17 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान के लिए 'जिला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जाए.