सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को ई-श्रम पोर्टल के तहत पात्र प्रवासी श्रमिकों के राशन कार्ड सत्यापित कर उन्हें देने के अपने पिछले आदेशों का पालन करने का आख़िरी मौक़ा दिया है. इससे पहले भी कोर्ट ने कई बार इन आदेशों का पालन न करने पर केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार भी लगाई है.
इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत लगभग 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड जारी करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने देरी पर नाराज़गी जताते हुए पूछा कि आखिर चार महीनों में सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा क्यों नहीं किया जा सका?
केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया है कि 2013 से 2021 के बीच राज्यों द्वारा 4.74 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए गए हैं, जिनमें से 4.28 करोड़ को 2014 से 2021 के बीच रद्द किया गया है. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1.73 करोड़ कार्ड रद्द किए गए हैं.
विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.