आरबीआई ने 2018 में आम चुनाव से पहले 3 लाख करोड़ केंद्र को देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था: आचार्य

आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने यह जानकारी अपनी किताब ‘क्वेस्ट फॉर रिस्टोरिंग फाइनेंशियल स्टेबिलिटी इन इंडिया’ के अपडेटेड संस्करण की नई प्रस्तावना में दी है. यह किताब पहली बार 2020 में प्रकाशित हुई थी. इस प्रस्ताव से ज़ाहिर तौर पर आरबीआई और सरकार के बीच मतभेद पैदा हो गए थे.

मणिपुर: ग्रामीणों ने सीबीआई टीम को शस्त्रागार में जाने से रोका, ताज़ा फायरिंग में दो जवान चोटिल

मणिपुर में पचास दिनों से जारी हिंसा के बीच पांगेई गांव में मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के शस्त्रागार से हथियार और गोला-बारूद लूटने का मामला दर्ज किया था. हालांकि, इसकी पड़ताल के लिए पहुंची सीबीआई की टीम को ग्रामीणों ने परिसर में नहीं जाने दिया.

बैंकों के साथ फ्रॉड करने वालों को फिर से मिल सकेगा क़र्ज़?

वीडियो: जान-बूझकर क़र्ज़ न चुकाने वालों यानी विलफुल डिफॉल्टर्स को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसके मुताबिक जिन लोगों या कंपनियों ने बैंकों से या किसी फाइनेंशियल इकाई से क़र्ज़ लिया है. इसे चुकाने की हैसियत में थे, मगर क़र्ज़ नहीं चुकाया, वह बैंकों के साथ सेटलमेंट कर सकते हैं.

आरबीआई के विलफुल डिफॉल्टर्स के क़र्ज़ को समझौते से निपटाने के निर्णय के ख़िलाफ़ आईं बैंक यूनियन

आरबीआई ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए विलफुल डिफॉल्टर्स (जानबूझकर क़र्ज़ न चुकाने वाले) और धोखाधड़ी के मामलों के ऋण निपटान के लिए समझौते की अनुमति दी है. बैंक यूनियन इसके ख़िलाफ़ हैं. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार आम जनता के पैसों को अपने चुनिंदा मित्रों पर न्योछावर कर रही है.

बैंकों को 2,000 रुपये के नोटों की ‘बड़ी जमा राशि’ की सूचना आयकर विभाग को देनी होगी: रिपोर्ट

अगर नकदी जमा सावधि और बचत जमा के लिए 10 लाख रुपये और चालू खाता जमा के लिए 50 लाख रुपये की सीमा से ऊपर हैं, तो बैंकों को इसकी जानकारी आयकर विभाग को मुहैया करानी होगी. 

2,000 रुपये को नोटों की वापसी की जटिल प्रक्रिया का असली निशाना कौन है?

2,000 रुपये के नोट रखने वालों के लिए अब एक स्पष्ट प्रोत्साहन है कि वे बैंक में पैसे जमा करने के बजाय सिर्फ एक्सचेंज के लिए जाएं और आयकर उद्देश्यों के लिए जांच की जाए. हालांकि, नोट एक्सचेंज करने को काफी मुश्किल बना दिया गया है क्योंकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये ही बदले जा सकते हैं.

क्या दो हज़ार रुपये के नोट की वापसी मोदी की नोटबंदी की विफलता का सबूत है?

वीडियो: 2,000 रुपये का नोट क्यों जारी किया गया था और इसकी वापसी क्यों हुई? क्या काला धन ख़त्म हो गया है? क्या भारत में इस नोट की ज़रूरत है?

दो हज़ार रुपये के नोट और आंशिक नोटबंदी के पीछे का रहस्य

भारतीय रिज़र्व बैंक की तरफ से दो हज़ार रुपये मूल्यवर्ग के नोट को वापस लेने के निर्णय को सही ठहराने के लिए जो भी तर्क दिए गए हैं, उनमें से कोई भी मान्य नहीं है.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए सेबी को मध्य अगस्त तक का समय मिला

बीते जनवरी माह में अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.

अडानी-हिंडनबर्ग केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सेबी को जांच के लिए छह महीने का समय नहीं दे सकते

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद सेबी मामले की जांच कर रहा है. सेबी ने जांच के लिए छह महीने का समय मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच के लिए सेबी लंबा समय नहीं ले सकता है. हम उसे तीन महीने का समय देंगे.