संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में भारतीय अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक सभाओं और संचार सेवाओं पर पाबंदी लगाए जाने का सिलसिला जारी है, जबकि सैकड़ों लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का प्रयोग करने के लिए हिरासत में हैं. साथ ही पत्रकारों को लगातार बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ता है.