शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (असर-2023) के अनुसार, सर्वे में शामिल आधे से अधिक बच्चे भाग के सवालों से जूझते हैं. 14-18 साल के केवल 43.3 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे सवालों को सही ढंग से कर पाते हैं. लगभग 85 प्रतिशत बच्चे प्रारंभिक बिंदु ज़ीरो सेंटीमीटर होने पर स्केल से लंबाई माप सकते हैं, लेकिन इसमें बदलाव होने पर अनुपात तेज़ी से गिर जाता है.
शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पुस्तकें (बी.टेक/डिप्लोमा) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘तकनीकी पुस्तक लेखन और उसके अनुवाद की योजना’ शुरू की है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के प्रमुख एम. जगदीश कुमार ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया गया है कि विश्वविद्यालय को छात्रों को क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा लिखने की अनुमति देनी चाहिए, भले ही विषय अंग्रेज़ी में पढ़ाया जाता हो.