पिछले दो वर्षों में 928 छात्रों ने क्षेत्रीय भाषाओं में बीई/बीटेक में प्रवेश लिया: सरकार

शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पुस्तकें (बी.टेक/डिप्लोमा) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘तकनीकी पुस्तक लेखन और उसके अनुवाद की योजना’ शुरू की है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पुस्तकें (बी.टेक/डिप्लोमा) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘तकनीकी पुस्तक लेखन और उसके अनुवाद की योजना’ शुरू की है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: वर्ष 2021-22 और 2022-23 में क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की कुल संख्या क्रमश: 245 और 683 थी. यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राज्यसभा में दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद डॉ. अमी याज्ञनिक ने सवाल उठाया था कि क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से बीई और बीटेक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की कुल संख्या, राज्य-वार और भाषा-वार कितनी है.

मंत्री ने उत्तर दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पुस्तकें (बी.टेक/डिप्लोमा) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘तकनीकी पुस्तक लेखन और उसके अनुवाद की योजना’ शुरू की है. इनमें हिंदी और तमिल के अलावा तेलुगू, उर्दू, मलयालम, बंगाली, असमिया, मराठी, कन्नड़, उड़िया, गुजराती और पंजाबी जैसी 11 क्षेत्रीय भाषाएं शामिल हैं.

अनुवादित पुस्तकें eKUMBH पोर्टल पर उपलब्ध हैं.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स भी 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जा रही है, जिससे छात्रों को क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई करने में भी सुविधा होती है.