महिला अधिकार समूहों ने अपने बयान में हालिया घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा है कि सरकार बुद्धिजीवियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पत्रकारों को भी निशाना बना रही है, जो उसकी दोषपूर्ण नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कहा गया है कि वृद्ध क़ैदी और पहले से ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय और फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण से गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया था, जिससे यहां कोरोना वायरस का ख़तरा कम किया जा सके. क़ैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम ज़मानत, पैरोल और सज़ा पूरी होने पर छोड़ा गया है.