कोरोना के चलते छत्तीसगढ़ की जेलों से छोड़े गए 584 क़ैदी

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया था, जिससे यहां कोरोना वायरस का ख़तरा कम किया जा सके. क़ैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम ज़मानत, पैरोल और सज़ा पूरी होने पर छोड़ा गया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया था, जिससे यहां कोरोना वायरस का ख़तरा कम किया जा सके. क़ैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम ज़मानत, पैरोल और सज़ा पूरी होने पर छोड़ा गया है.

(फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए राज्य के विभिन्न जेलों से अब तक 584 कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर तथा सजा पूरी करने पर रिहा किया है.

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए राज्य की विभिन्न जेलों से अब तक कुल 584 कैदियों को छोड़ा जा चुका है, जिनमें से 391 कैदियों को अंतरिम जमानत पर, 154 कैदियों को पैरोल पर और 39 कैदियों को सजा पूरी करने पर विभिन्न जेलों से छोड़ा गया है.

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेलों में कैदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया था जिससे जेलों में बंद कैदियों में कोरोना वायरस का खतरा कम किया जा सके.

इसी क्रम में दो अप्रैल तक इन कैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि जमानत और पैरोल देने की प्रक्रिया 23 मार्च से शुरू हुई थी.

अधिकारियों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के जेलों में कैदियों को जमानत या पैरोल पर रिहा करने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय हाई पावर कमेटी बनाई गई थी.

इस कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और जेल) सुब्रत साहू और अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) अशोक जुनेजा सदस्य हैं.

उन्होंने बताया कि समिति ने दो बैठकें की हैं और इसकी सिफारिश के आधार पर यह कदम उठाया जा रहा है.

राजस्थान पत्रिका के मुताबिक कोरोना महामारी की आशंका को देखते हुए राज्य के विभिन्न जेलों से 1,500 कैदी रिहा किए जाएंगे. यह फैसला राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्र की टेली कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन अधिकारियों की बैठक में लिया गया.

बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने को कहा था जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं.

दिल्ली सरकार भी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कैदियों को विशेष पैरोल और फर्लो का विकल्प देकर राजधानी की जेलों में भीड़ कम करने का फैसला किया था.

मालूम हो कि अभी तक छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमित 10 मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से चार इलाज के बाद ठीक हो गए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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