बिहार सरकार की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि अगर किसी धार्मिक जुलूस में किसी विशेष कारण से तलवार या कोई अन्य हथियार ले जाना ज़रूरी हो तो इसे ले जाने वाले व्यक्ति को प्रशासन से पहले अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा माइक और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग केवल भीड़ नियंत्रित करने के लिए किया जाएगा.
बीते वर्ष अप्रैल में रामनवमी और हनुमान जयंती पर देश के विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक झड़प के मामले देखे गए थे. इस संबंध में ‘सिटीजंस एंड लॉयर्स इनिशिएटिव’ द्वारा द्वारा तैयार एक रिपोर्ट बताती है कि इन घटनाओं में समानताएं पाई गई हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा को अंजाम देने के लिए कैसे धार्मिक आयोजनों का इस्तेमाल किया गया.