शीर्ष अदालत ने अगस्त 2022 में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर पर उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज एफ़आईआर के संबंध में भी इसी तरह की राहत प्रदान की थी. सितंबर 2022 में इस बहस की एंकर रहीं नविका कुमार के ख़िलाफ़ दर्ज विभिन्न एफ़आईआर भी दिल्ली पुलिस के पास भेज दी गई थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने आठ सप्ताह तक पत्रकार नविका कुमार के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है. यह मामला 26 मई को एक ‘टीवी डिबेट शो’ के दौरान पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी से संबंधित है. नविका कुमार ‘टाइम्स नाउ’ पर प्रसारित इस परिचर्चा की एंकर थीं, जिसमें भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने यह टिप्पणी की थी.
हैदराबाद में बीते दिनों स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी का शो हुआ था, जिसके विरोध में गोशामहल से विधायक टी. राजा सिंह का यूट्यूब पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी करते देखे गए थे. इसके बाद उनकी गिरफ़्तारी के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे और भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था.
न्याय का सिद्धांत है कि ‘सौ दोषी भले छूट जाएं, लेकिन एक भी निर्दोष नहीं पकड़ा जाना चाहिए’, लेकिन इलाहाबाद के अटाला में पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर जून महीने में हुई हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर की गईं गिरफ़्तारियों में न्याय के इस सिद्धांत को ही उलट दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी को लेकर भविष्य में दर्ज हो सकने वाली एफ़आईआर में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दे दी. बीते एक जुलाई को शीर्ष अदालत ने इस मामले को लेकर शर्मा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी ‘बेलगाम ज़ुबान’ से ‘पूरे देश को आग में झोंक दिया है’, उन्हें पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहे जावेद मोहम्मद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. उनके वकील का कहना है कि पुलिस उनके ख़िलाफ़ जब कोई ठोस सबूत जुटाने में विफल रही तो उसने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगा दिया.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ टीवी बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के लिए निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को दिल्ली ट्रासंफर करने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने उस टीवी बहस की मेज़बानी के लिए समाचार चैनल टाइम्स नाउ पर भी कड़ा रुख अपनाया. अदालत ने पूछा कि टीवी पर वह बहस किस लिए थी? केवल एक एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए?
पिछले हफ़्ते एक अधिकारी ने दावा किया था कि नूपुर शर्मा को समन देने के लिए दिल्ली गई मुंबई पुलिस की एक टीम उन्हें नहीं ढूंढ पाई थी. फ़िर उन्हें ईमेल के ज़रिये समन भेजकर 25 जून को दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया था. इसी तरह अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें समन जारी कर पेश होने को कहा था.
झूठ का पहाड़ जब ढहने लगे, क्रूरता के क़िले की दीवार में सेंध लग जाए, रंगे सियार का उतरने लगे रंग, तो सबसे बड़ा सहारा है... बुलडोजर.
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में इत्तिहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा के आह्वान पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर बीते 19 जून आयोजित कार्यक्रम में निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के शामिल होने पर आयोजकों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है. इधर पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर कोलकाता के एक थाने में दर्ज मामले में निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा पेश नहीं हुईं.
अतीत में मुसलमानों को सज़ा देने के लिए क़त्लेआम किया जाता था, भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालती थी, उनको निशाना बनाकर हत्याएं होती थीं, वे हिरासतों, फ़र्ज़ी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जाते या झूठे आरोपों में क़ैद किए जाते थे. अब उनकी संपत्तियों को बुलडोज़र से ढहा देना इस फेहरिस्त में जुड़ा एक नया हथियार है.
नूपुर शर्मा उन्हें सिखाए गए तरीके से ही खेल रही थीं. अतीत में उन्हें या भाजपा की ओर से बोलने वाले उनके किसी भी सहकर्मी को कभी भी हिंसक मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों के लिए फटकार नहीं मिली. असल में तो ऐसा लगता है कि यह पार्टी के शीर्ष नेताओं की नज़र में आने का बढ़िया तरीका रहा है.
इलाहाबाद पुलिस शहर के करेली और खुल्दाबाद इलाके में बीते 10 जून को भड़की हिंसा के संबंध में अब तक 97 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. गिरफ़्तार किए गए लोगों में जावेद मोहम्मद भी शामिल हैं, जिनका मकान प्रशासन ने अवैध बताकर गिरा दिया था. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 20 एफ़आईआर दर्ज की गई है और 415 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.
वीडियो: निलंबित भाजपा नेता- नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद भारत के कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. अरब देशों ने भी विरोध दर्ज कराया था. उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने हिंसा के आरोपियों के घर तक बुलडोज़र से गिरवा दिए. द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से इन मुद्दों पर चर्चा की.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ 28 मई को रज़ा अकादमी के संयुक्त सचिव इरफ़ान शेख़ की शिकायत पर दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी. शर्मा को बयान दर्ज कराने के लिए 25 जून को पायधुनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया है.