सीबीआई द्वारा याचिका में ख़ुद को ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ बताने पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर ऐसे कई मामले हैं, जहां केंद्रीय जांच ब्यूरो ने ख़ुद को ‘सीबीआई’ के बजाय ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ के रूप में प्रस्तुत किया है. ऐसे ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि सीबीआई का काम एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की अवैधताओं की जांच करना है. आप संघ या गणतंत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं.

संविधान, लोकतांत्रिक मूल्य और हम

सामाजिक कार्यकर्ता सचिन जैन की चार किताबें - ‘संविधान और हम’, ‘भारतीय संविधान की विकास गाथा’, ‘जीवन में संविधान’ और ‘भारत का संविधान: महत्वपूर्ण तथ्य और तर्क’ हाल ही में प्रकाशित होकर आई हैं. संविधान के निर्माण और इसके पीछे के संघर्ष के अलावा ये किताबें आज़ादी के बाद संवैधानिक मूल्यों की लड़ाई और तिल-तिल कर जी रहे वंचित और दबे हुए लोगों की दास्तान हैं.

संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़ने से देश की आध्यात्मिक छवि सीमित हुईः जज

जम्मू, कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने कहा कि भारत अनादि काल से ही एक आध्यात्मिक देश रहा है और संविधान की प्रस्तावना में पहले से ही लिखित ‘संप्रभु, लोकतांत्रित, गणतंत्र’ शब्द के साथ ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को जोड़ने से ये छवि प्रभावित हुई है.

हमारा संविधान: क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 12

वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 12 भाग तीन के लिए 'राज्य' को परिभाषित करता है. संसद, विधानसभा, नगर निकायों के साथ कौन-सी अन्य संस्थाएं है, जिनके ख़िलाफ़ नागरिक मौलिक अधिकारों के हनन के लिए अदालत जा सकते है. इस अनुच्छेद और संबंधित फैसलों के बारे में बता रही हैं अवनि बंसल.

हमारा संविधान: लोकतंत्र, संविधान और संविधानवाद

वीडियो: हमारा संविधान कार्यक्रम की पहली कड़ी में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल बता रही हैं कि कैसे संविधान लोकतंत्र को स्थापित करता है और लोकतंत्र को रंग-रूप देता है संविधानवाद. संविधान और संविधानवाद में क्या अंतर होता है?

भारत में बहुत ख़तरनाक प्रक्रिया चल रही है, संस्थाएं बहुत ख़तरे में हैं: हामिद अंसारी

राज्यसभा सदस्य रहे भालचंद्र मुंगेकर की किताब के विमोचन के अवसर पर पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि जिन सिद्धांतों पर संविधान की प्रस्तावना की गई उनकी अवहेलना की जा रही है.