राहुल गांधी ने कहा कि नकदी की कमी से देश फिर से ‘नोटबंदी के आतंक’ की गिरफ़्त में है. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि दो-तीन दिन में समस्या सुलझा ली जाएगी.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का सोचना था कि नोटबंदी के बाद बेसमेंट में नोट छुपाकर रखने वाले लोग सामने आएंगे और माफी मांगकर कहेंगे कि हम इसके लिए कर देने को तैयार हैं.
जन गण मन की बात की 221वीं कड़ी में विनोद दुआ नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामी और 2.41 लाख करोड़ रुपये के क़र्ज़ को बट्टे खाते में डालने पर चर्चा कर रहे हैं.
सरकारी बैंकों ने 2014-15 से सितंबर 2017 तक 2.41 लाख करोड़ रुपये का क़र्ज़ बट्टे खाते में डाला: सरकार
वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में रिज़र्व बैंक के हवाले से एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
आरबीआई गवर्नर पटेल ने पीएनबी घोटाले पर कहा, ‘मैंने आज बोलना इसलिए तय किया ताकि यह बता सकूं कि बैंकिंग क्षेत्र के घोटाले एवं अनियमितताओं से आरबीआई भी गुस्सा, तकलीफ और दर्द महसूस करता है.’
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि साल 2017 में पीएनबी ने नीरव मोदी से जुड़ी कंपनियों के लिए लगभग 54 अरब रुपये के 150 फ़र्ज़ी एलओयू जारी किए.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी के मोबाइल ग्राहकों की ओर से बिना किसी स्पष्ट रज़ामंदी के उनके खाते एयरटेल पेमेंट्स बैंक में खोले गए.
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के 15 महीने बाद बाज़ार में लगभग उतना ही कैश आ गया है जितना 8 नवंबर 2016 से पहले था.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, किसानों का एनपीए 66,176 करोड़ है, तो उद्योगों का एनपीए 5,67,148 करोड़ रुपये है. कुल एनपीए में निजी बैंकों के मुक़ाबले सार्वजनिक बैंकों का एनपीए आठ गुना ज़्यादा है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद काफ़ी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है. भारत में बैंकों के निजीकरण को राजनीतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक के बोर्ड में आरबीआई और सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल थे, फिर कैसे उच्चतम स्तर पर सब चलता रहा और आरबीआई मूकदर्शक बना रहा.
सूचना के अधिकार के तहत रिज़र्व बैंक ने बताया कि लौटाए गए नोटों की अंकगणितीय सटीकता और वास्तविकता की पहचान की जा रही है. इसलिए इस संबंध में मिलान एवं गणना की प्रक्रिया के पूरे होने पर ही जानकारी साझा की जा सकती है.
सूचना के अधिकार के तहत वित्त मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब को केंद्रीय सूचना आयोग ने अस्पष्ट और क़ानून के अनुसार नहीं टिकने योग्य बताया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र व भारतीय रिज़र्व बैंक से कहा कि वह नए नोटों व सिक्कों के स्वरूप की समीक्षा करें, क्योंकि दृष्टिबाधित लोगों को इनकी पहचान व इस्तेमाल में परेशानी हो रही है.
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्ष की अवधि के दौरान बैंकों के 2,30,287 करोड़ रुपये के क़र्ज़ को बट्टे खाते में डाल दिया गया.