हाईकोर्ट ने कोरोनिल को लेकर दावों और एलोपैथी पर टिप्पणी संबंधी मामले को सुनते हुए रामदेव से केस पूरा होने तक तथ्यहीन बयान देने से बचने को कहा है. कोर्ट ने उनके अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कोविड होने से संबंधी बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे बयानों से देश के अंतरराष्ट्रीय संबंध ख़राब हो सकते हैं.
रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि ने अपनी दवा ‘कोरोनिल’ के कोविड-19 के इलाज में कारगर होने संबंधी दावे किए थे. साथ ही एलोपैथी और एलोपैथी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ अपमानजनत टिप्पणियां की थीं, जिसके ख़िलाफ़ बीते वर्ष डॉक्टरों के विभिन्न संघों ने अदालत का रुख किया था.
देश भर के डॉक्टरों की मांग है कि नीट-पीजी पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए, ताकि नए डॉक्टरों की भर्ती से उन पर मरीज़ों का बोझ घटे और कोरोना वायरस महामारी की आगामी आशांका को लेकर वे ख़ुद को उचित रूप से तैयार कर सकें.
फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.
बकाया वेतन को लेकर सोमवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के संघ ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों समेत सभी चिकित्सकों का सोमवार तक वेतन जारी न होने पर मंगलवार से सभी वरिष्ठ चिकित्सक अनिश्चितकाल के लिए पूर्ण हड़ताल पर जाएंगे.
कोरोना वायरस के समय में उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को पिछले तीन महीने का वेतन नहीं मिला है, जिसके बाद डॉक्टरों ने ये कदम उठाया है. उनका कहना है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं, क्योंकि मौखिक आश्वासन से खाना नहीं मिल सकता.