हिंदुत्व की विचारधारा का आधुनिक दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन को मिले समर्थन के बाद कई भारतीय कलाकारों और खेल हस्तियों ने केंद्र सरकार के समर्थन वाले हैशटैग के साथ जवाबी ट्वीट किए थे. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि राज्य का ख़ुफ़िया विभाग कुछ हस्तियों पर ट्वीट के लिए दबाव डाले जाने के आरोपों की जांच करेगा.
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन से संबंधित एक ‘गूगल टूलकिट’ ट्विटर पर साझा किया था, जिसे लेकर दिल्ली पुलिस गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से इससे संबंधित ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया एकाउंट्स की जानकारी देने को कहा है.
दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह, आपराधिक साजिश और घृणा फैलाने से संबंधित धाराओं में यह एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने बताया कि मामले में किसी को भी नामज़द नहीं किया गया है. यह सिर्फ़ टूलकिट के निर्माताओं के ख़िलाफ़ है. कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का पर्यावरण और जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने समर्थन किया था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए सवाल किया कि सरकार दिल्ली में किलेबंदी क्यों कर रही है? क्या वह किसानों से डरती है? क्या किसान दुश्मन हैं? दिल्ली की सीमाओं पर अवरोधक लगाने और सड़कों पर कील गाड़ने के क़दम की महबूबा मुफ़्ती और मायावती जैसे नेताओं ने भी निंदा की है.
बीते दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन का पॉपस्टार रिहाना, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसी कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने समर्थन किया है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार उनका दर्द नहीं समझ रही है.
देश में तीन कृषि कानूनों के विरोध में 70 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन का रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग के अलावा अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस, यूट्यूबर लिली सिंह सहित कई लोगों ने समर्थन जताया था. उनके इस कदम के लिए रिहाना और अन्य लोगों को सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने ट्रोल किया.