पीटर मुखर्जी ने ईडी को बताया था, मुकेश अंबानी परिवार के पास था आईएनएक्स मीडिया का स्वामित्व

पीटर मुखर्जी का 2018 में दिया यह बयान दिखाता है कि ईडी के आरोपों के अनुसार जो रिश्वत कार्ति चिदंबरम को दी गई थी, वह असल में मुकेश अंबानी की एक फर्म के लिए थी. हालांकि यह साफ नहीं है कि मोदी सरकार की इस प्रमुख जांच एजेंसी ने यह जानकारी मिलने के बाद क्या कदम उठाया था.

‘इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा न मिलने से आईआईटी मद्रास निराश, एचआरडी को लिखा पत्र

आईआईटी मद्रास की ओर से कहा गया है कि इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस की दौड़ में उसे नज़रअंदाज़ किए जाने का असर छात्र-छात्राओं के मनोबल पर पड़ा है. इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस के तहत रिलायंस फाउंडेशन के प्रस्तावित जियो इंस्टिट्यूट को चुना गया है.

क्या लोकपाल सर्च कमेटी की सदस्य अरुंधति भट्टाचार्य रिलायंस समूह की स्वतंत्र निदेशक बन सकती हैं?

क्या लोकपाल सर्च कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को उन्हें कमेटी से हटा नहीं देना चाहिए या अरुंधति भट्टाचार्य को ख़ुद से इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए?

पूर्व एसबीआई प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के बोर्ड में शामिल

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य को मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडिया लिमिटेड में स्वतंत्र निदेशक के बतौर शामिल किया गया है.

फ्रांस से आगे निकला भारत लेकिन प्रति व्यक्ति जीडीपी फ्रांस से 20 गुना कम

भारत की आबादी एक अरब 37 करोड़ है और फ्रांस की साढ़े छह करोड़. फ्रांस की प्रति व्यक्ति जीडीपी भारत से 20 गुना ज़्यादा है. ये आपको अरुण जेटली नहीं बताएंगे क्योंकि इससे हेडलाइन की चमक फीकी हो जाती है.

जियो इंस्टिट्यूट को ‘उत्कृष्ट संस्थान’ का दर्जा देना एक साहसिक निर्णय: अरविंद पनगढ़िया

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि भारत के माहौल को देखते हुए ऐसी कोई चीज़ जो अभी अस्तित्व में न हो, उसकी घोषणा करने से पहले कोई और प्रधानमंत्री दो-तीन बार सोचता.

क्या कहता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘अंबानियों’ से यह अनुराग?

बेस्ट ऑफ 2018: प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने अपने बेशकीमती चार साल मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपतियों व उनके परिवारों के प्रति अनुराग के प्रदर्शन और आम देशवासियों के तिरस्कार व ‘सबका साथ सबका विकास’ के अपने नारे के द्वेषपूर्ण क्रियान्वयन में बर्बाद कर दिया है.

जियो इंस्टिट्यूट विवाद: एक अजन्मे संस्थान का ‘श्रेष्ठ’ हो जाना मोदी सरकार में ही संभव था

वीडियो: मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा ‘इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ की सूची में रिलायंस फाउंडेशन के कागज़ी इंस्टिट्यूट को जगह मिलने पर हुए विवाद पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

अस्तित्व में आने से पहले ही रिलायंस के जियो इंस्टिट्यूट को मिला उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा

मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा 'इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस' का दर्जा पाने वाले आईआईटी दिल्ली और मुंबई, आईआईएससी और बिट्स-पिलानी जैसे संस्थानों के साथ रिलायंस फाउंडेशन के इस कागज़ी इंस्टिट्यूट को जगह मिली है.