गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि श्रीनगर में स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली है. चार मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर इस्तीफ़ा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले मीडियाकर्मी राइज़िंग कश्मीर मीडिया हाउस से ताल्लुक रखते हैं.
बीते दिनों लश्कर-ए-तैयबा के कथित ब्लॉग पर प्रकाशित एक धमकी भरे पत्र में घाटी के 21 मीडिया संस्थान मालिकों, संपादकों व पत्रकारों का नाम था. बताया गया कि छापेमारी के दौरान स्थानीय पत्रकार सज्जाद अहमद क्रालियारी को हिरासत में लिया गया और उनका लैपटॉप, कैमरा और मोबाइल फोन ज़ब्त कर लिया गया.
लश्कर-ए-तैयबा के कथित ब्लॉग पर प्रकाशित एक धमकी भरे पत्र, जिसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा किए गए हैं, में 21 मालिकों, संपादकों और पत्रकारों का नाम लिया गया है, जिनमें से ज़्यादातर श्रीनगर के तीन मीडिया संस्थानों से जुड़े हैं.
जून 2018 में भाजपा ने महबूबा सरकार से गठबंधन तोड़ते समय राज्यपाल शासन लगाने के कारणों में शुजात बुख़ारी की हत्या का ज़िक्र भी किया था. लेकिन, एक साल बाद भी बुख़ारी की हत्या का रहस्य बना हुआ है.
कश्मीर एडिटर्स गिल्ड के सदस्य ने कहा, संपादकीय लिखने वाले हाथ हमसे छीन लिए गए हैं. ऐसा लग रहा है मानो हमारी स्याही सूख गयी है, इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अपना विरोध दर्ज करवाएं.
मीडिया बोल की 54वीं कड़ी में उर्मिलेश पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या, कश्मीर की स्थिति और मीडिया पर आॅब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के फेलो मनोज जोशी और जम्मू कश्मीर पर संप्रग सरकार के समय बनी वार्ताकार समिति के सदस्य एमएम अंसारी से चर्चा कर रहे हैं.
वीडियो: श्रीनगर में पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या और कश्मीर के हालात पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुजात बुखारी की हत्या को आतंकवादी हमला बताया. एक लेफ्टिनेंट जनरल ने दावा किया कि हत्या में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ.
जन गण मन की बात की 259वीं कड़ी में विनोद दुआ वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या और भारत में धर्मनिरपेक्षता पर चर्चा कर रहे हैं.
जम्मू कश्मीर के बारामूला में पत्रकार शुजात बुख़ारी के जनाज़े में हज़ारों लोग हुए शामिल. पुलिस ने बाइक सवार संदिग्धों की तस्वीरें जारी कीं.
राइज़िंग कश्मीर अख़बार के संपादक शुजात बुख़ारी पर जिस समय हमला हुआ उस वक़्त वह अपने दफ़्तर से इफ़्तार पार्टी के लिए निकल रहे थे. कार पर हुए हमले में उनके दोनों सुरक्षा अधिकारियों की भी मौत हो गई.