पुस्तक समीक्षा: रमाशंकर सिंह की किताब ‘नदी पुत्र: उत्तर भारत में निषाद और नदी’ हाल ही में प्रकाशित होकर आई है. इस किताब में नदियों के साथ जुड़ीं निषाद समुदाय की स्मृतियों, ऐतिहासिक दावेदारियों, सामाजिक गतिशीलता, अपवंचना और बहिष्करण के तत्वों की पड़ताल की गई है.
अध्ययन में कहा गया है, सिंधु सभ्यता का विकास बहती नदी के आसपास नहीं हुआ बल्कि यह एक विलुप्त नदी के आसपास फली-फूली.