विगत कुछ सालों से कोशिश चल रही है कि ऐसे नैरेटिव को वैधता मिले जो हिंदुत्व के नज़रिये के अनुकूल हो, लेकिन जगह-जगह उसे चुनौती भी मिल रही है. शायद इस पृष्ठभूमि में संघ-भाजपा को मुफ़ीद लग रहा है कि वे सार्वजनिक पुस्तकालयों पर क़ब्ज़ा क़ायम करें और अपनी एकांगी समझदारी के पक्ष में जनमत तैयार करें.
विपक्षी इंडिया गठबंधन दलों से जुड़े 16 छात्र संगठनों ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए ‘यूनाइटेड स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया’ के गठन की घोषणा की. नेताओं ने कहा कि आरएसएस समर्थित सरकार का लक्ष्य न केवल शिक्षा प्रणाली को कमज़ोर और नष्ट करना है, बल्कि वह इसे एक सांप्रदायिक और विनाशकारी योजना में बदलना भी चाहती है.
वीडियो: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ दिन पहले आरएसएस ने पथ संचलन का कार्यक्रम किया था. इस आयोजन पर कई विद्यार्थी संगठनों ने नाराज़गी जताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी. जेएनयू के बाद अब दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में भी आरएसएस ने मार्च निकाला है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने छात्रों के बीच विचारधारा के प्रचार के लिए 20 अक्टूबर को दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में एक शाखा आयोजित की थी. लक्ष्मीबाई कॉलेज के एक फैकल्टी सदस्य ने बताया है कि सितंबर से उनके परिसर में आरएसएस ने कई शाखाएं आयोजित की हैं.
केरल के त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने सर्कुलर जारी करके कहा है कि मंदिर में त्योहारों और अनुष्ठानों के अलावा परिसर का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. आगे कहा गया है कि जो अधिकारी इस आदेश का पालन करने में विफल रहेंगे, उन्हें सख़्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
सच यह है कि गोलवलकर की कथनी का तरीका भले ही अप्रचलित हो गया हो, पर उनका एजेंडा आज भी सामाजिक परिदृश्य पर हावी है.
बीते दिनों तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा आयोजित 'सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन' में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया की तरह है, जिसे ख़त्म करने की ज़रूरत है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में टिप्पणियों और उक्त सम्मेलन की सीबीआई जांच की मांग की गई है.
भाजपा की संस्कृति बदज़बानी और बदतमीज़ी की संस्कृति है. प्रतिपक्षियों, मुसलमानों को अपमानित करके उन्हें साबित करना होता है कि वे भाजपा के नेता माने जाने लायक़ हैं. बिधूड़ी सिर्फ़ सबसे ताज़ा उदाहरण हैं.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: वर्ण भेद की सामाजिक व्यवस्था का इतनी सदियों से चला आना इस बात का सबूत है कि उसमें धर्म निस्संदेह और निस्संकोच लिप्त रहा है.
वीडियो: संभाजी भिड़े एक ऐसा नाम है, जो हमेशा चर्चा में रहता है. कट्टर दक्षिणपंथी नेता के तौर पर संभाजी को पूरे महाराष्ट्र में पहचाना जाता है. उन्होंने जुलाई में अमरावती में एक कार्यक्रम दौरान कथित तौर पर महात्मा गांधी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. इस बयान के बाद राज्य में उनके ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था.
वीडियो: मध्य प्रदेश में हुई एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सनातन संस्कृति को ख़त्म करने के लिए साथ आए हैं. आगामी चुनावों के मद्देनज़र इस बारे में इतिहासकार राम पुनियानी, वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव और उर्मिलेश के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
केरल हाईकोर्ट दो श्रद्धालुओं की आरएसएस द्वारा तिरुवनंतपुरम के सरकारा देवी मंदिर परिसर के 'अवैध उपयोग' को रोकने का आदेश देने की मांग की याचिका पर कहा कि पुलिस त्रावणकोर देवास्म बोर्ड द्वारा प्रबंधित मंदिरों में आरएसएस शाखाओं और मास ड्रिल पर प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करे.
उदयनिधि के बयान पर हुई प्रतिक्रिया से ज़ाहिर होता है कि हिंदू ख़ुद को सनातनी कह लें, पर अपनी आलोचना नहीं सुन सकते. फिर वे उदार कैसे हुए?
19वीं सदी में आर्य समाज और ब्रह्म समाज जैसे सुधारवादी संगठनों के ख़िलाफ़ आंदोलन के दौरान हिंदू पुरातनपंथियों (ऑर्थोडॉक्सी) ने तब सनातन धर्म की अवधारणा को आकार देने का काम किया था, जब इन सुधारवादी संगठनों द्वारा सती प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी प्रतिगामी प्रथाओं पर सवाल उठाए गए थे.
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