केंद्र सरकार के आरटीआई पोर्टल से कई वर्षों की जानकारी ग़ायब

सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि आरटीआई पोर्टल से वर्षों का डेटा गायब हो गया है. पिछले साल केंद्र सरकार ने ‘भारी लोड’ का हवाला देते हुए पोर्टल पर एकाउंट बनाने की सुविधा हटा दी थी. इसके अलावा अगर मौजूदा एकाउंट होल्डर अपने एकाउंट को बरक़रार रखना चाहते हैं तो उन्हें छह महीने की अवधि में कम से कम एक आवेदन दाख़िल करना होगा.

एमपी: कॉलेज ने दस्तावेज़ों के कमरे को ‘भूतहा’ बताते हुए आरटीआई का जवाब देने से इनकार किया

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के एक मेडिकल कॉलेज का मामला. आरटीआई कार्यकर्ता ग्वालियर स्थित गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रवेश में कथित विसंगतियों की जांच चाहते हैं कि बाहरी लोगों ने धोखाधड़ी करके स्थानीय निवासियों के कोटे में प्रवेश हासिल कर लिया है.

महाराष्ट्र में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर सर्वाधिक जोखिम, 16 सालों में सोलह कार्यकर्ताओं की हत्या: रिपोर्ट

कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक 36 मामलों में आरटीआई कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया गया. 41 अन्य को या तो प्रताड़ित किया गया या नतीजे भुगतने की धमकी दी गई. वहीं, पुख़्ता सबूत होने के बावजूद एक भी मामले में दोषियों को सज़ा नहीं हुई.

‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ को लेकर गृह मंत्रालय के पास कोई जानकारी नहीं: आरटीआई

एक आरटीआई के तहत गृह मंत्रालय से पूछा गया था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? इसके सदस्य कौन-कौन हैं? उन्हें आईपीसी की कौन-सी धाराओं के तहत क्या दंड दिया जाएगा.

दो या दो से अधिक आरटीआई दायर करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें: महाराष्ट्र मंत्री कार्यालय

महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय राज्यमंत्री के कार्यालय के एक अधिकारी दिलीप कांबले ने विकलांग व्यक्तियों के आयुक्त से दो या इससे अधिक आरटीआई याचिका दायर करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को कहा है.