सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक 52 देशों की यात्रा कर चुके हैं. इस दौरान कुल 165 दिन वह विदेशों में रहे हैं.
बैंक ने मांगी गई जानकारी को संबंधित लोगों के बारे में व्यक्तिगत सूचना बताते हुए कहा कि ये सूचनाएं उसके पास ‘दूसरों की अमानत’ के तहत रखी गई हैं और क़ानून में इस तरह की जानकारी न देने की छूट है. बैंक द्वारा उपलब्ध करवाए गए ब्यौरे के अनुसार मार्च 2018 में उसने 222 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के चुनावी बॉन्ड बेचे.
बैंक में गड़बड़ी न होने की नाबार्ड की सफ़ाई से साफ़ है कि इस संस्था पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे समय जब सरकारी संस्थाएं और मीडिया चुप हों तो जनता को आगे आना चाहिए.
मुंबई के मनोरंजन ए रॉय ने आरटीआई से जानकारी प्राप्त की है कि 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने से लेकर 14 नवंबर तक अहमदाबाद ज़िला सहकारिता बैंक में 745 करोड़ और राजकोट के ज़िला सहकारिता बैंक में 693 करोड़ जमा हुए.
एक आरटीआई के अनुसार 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद 5 दिन के अंदर अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक में तकरीबन 750 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी जमा हुई, जो किसी सहकारी बैंक में जमा हुई सर्वाधिक राशि है.
आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने एलआईसी घोटाला, इंदिरा आवास योजना के अलावा शिक्षक व पुलिस विभाग में नियुक्ति घोटाले का खुलासा किया था. दो महीने में दूसरे आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या.
चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियां सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आने वाले सार्वजनिक प्राधिकरण हैं.
आरटीआई के तहत भाजपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, बसपा और राकांपा के राजनीतिक चंदे की मांगी गई जानकारी के जवाब में आयोग ने ऐसा कहा. जबकि, इन दलों को 2013 में केंद्रीय सूचना आयोग आरटीआई के दायरे में लेकर आया था.
सूचना के अधिकार के तहत भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त वित्तीय वर्ष 2017-18 की जानकारी के अनुसार, इस अवधि में पंजाब नेशनल बैंक नुकसान के मामले में शीर्ष पर रहा, तो भारतीय स्टेट बैंक दूसरे पायदान पर रहा.
एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन ने बताया कि 2014 से अब तक नरेंद्र मोदी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों पर सर्वाधिक 2,079.87 करोड़ रुपये ख़र्चे हैं.
सूचना का अधिकार क़ानून के लिए चले आंदोलन का नेतृत्व करने वालीं अरुणा रॉय ने कहा कि अब तक 70 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ता भ्रष्टाचार का खुलासा करने और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने के बदले में मारे गए हैं.
आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2017 तक सभी बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 8,40,958 करोड़ रुपये थीं. सबसे अधिक एनपीए भारतीय स्टेट बैंक का 2,01,560 करोड़ रुपये था.
आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना आयुक्त से शिकायत की थी कि पीएमओ और रिज़र्व बैंक ने उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं कराई.
जन गण मन की बात की 224वीं कड़ी में विनोद दुआ सूचना के अधिकार अधिनियम के सफ़र पर प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय से चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता संजय निरुपम के अनुसार, आरटीआई से खुलासा हुआ है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में चाय-नाश्ते पर वर्ष 2017-18 में 3.34 करोड़ रुपये खर्च हुआ जो 2015-16 की तुलना में 577 प्रतिशत अधिक है.