रूस में कई भारतीय अब भी लापता, परिवारों ने सरकार और रूसी दूतावास से गुहार लगाई

विदेश मंत्रालय की ओर से दो लापता व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को भेजे गए पत्र के अनुसार, क़रीब पच्चीस भारतीय जिन्हें धोखाधड़ी से रूसी सेना में भर्ती किया गया था और जबरन रूस-यूक्रेन सीमा पर युद्ध क्षेत्र में भेजा गया था, वे अब भी लापता बताए जा रहे हैं.

यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध में रूस की मदद को लेकर अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

अमेरिका का कहना है कि उसने जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, वो रूस को ऐसे सामान मुहैया करवा रही हैं, जिसका उपयोग रूस, यूक्रेन युद्ध में कर रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियों ने भारतीय क़ानूनों का उल्लंघन नहीं किया है और वे इस पर स्पष्टता के लिए अमेरिका के संपर्क में हैं.

रूसी सेना में भर्ती किए गए चार भारतीय स्वदेश लौटे, कहा- ग़ुलामों जैसा बर्ताव किया गया

रूस की एक निजी सेना में काम करने को मजबूर किए गए चार भारतीय नागरिक, जिनमें से एक तेलंगाना और तीन कर्नाटक के हैं, शुक्रवार को भारत लौट आए. उनके अनुसार, कम से कम 60 भारतीय युवाओं को उनकी तरह नौकरी का झांसा देकर रूसी सेना में शामिल किया गया था, जो अब भी वही हैं.

पीएम मोदी के विदेशी दौरे देश में चुनावों से पहले छवि चमकाने का ज़रिया बनकर रह गए हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल को गले नहीं लगा सकते. नागपुर जाकर मोहन भागवत के गले नहीं लग सकते. बावजूद इसके ग़लतफ़हमी है कि ज़ेलेंस्की और पुतिन के गले लग, यूक्रेन-रूस की लड़ाई में मध्यस्थ की छवि गढ़ वे दुनिया और देश जीत लेंगे.

पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा: रूस के साथ भारतीय मैत्री के अंतरराष्ट्रीय समीकरण

नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि लगभग 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा यूक्रेन की पहली यात्रा है.

विदेश मंत्री ने कहा- रूस से नहीं लौटे 69 भारतीय; रूसी उच्चायोग ने बताया कि रूसी सेना में भर्ती बंद

विदेश मंत्री ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि अब तक 91 भारतीय रूसी सेना में भर्ती किए गए थे, जिनमें से आठ की मौत हो चुकी है और 14 को छोड़ दिया गया. इसके बाद रूसी दूतावास ने कहा है कि रूस ने इस साल अप्रैल में अपने सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की भर्ती बंद कर दी थी.

रूसी सेना के साथ युद्ध क्षेत्र में तैनात भारतीय नागरिक द्वारा रिहाई की गुहार, कहा- बस 2 जिंदा बचे

यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध में रूसी सेना में शामिल भारतीय नागरिक उर्गेन तमांग ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि उनके ग्रुप के 15 में से 13 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले, उन्होंने मार्च में एक अन्य वीडियो में कहा था कि उन्हें हथियार प्रशिक्षण देकर जबरन युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया है. 

रूस: सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए ‘द मॉस्को टाइम्स’ को बैन किया गया

रूसी प्रॉसिक्यूटर जनरल के कार्यालय ने देश की सेना को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए 10 को जुलाई को रूस में 'द मॉस्को टाइम्स' की वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है. उनका कहना था कि द मॉस्को टाइम्स 'समस्या पैदा करने वाला संस्थान' है जो रूस के नेतृत्व को कमज़ोर कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए फिलिस्तीन के प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो

गुरूवार (18 अप्रैल) को सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए फ़लस्तीन का प्रस्ताव अमेरिका द्वारा अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किए जाने के कारण ख़ारिज कर दिया गया.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना हुआ है: रिपोर्ट

वैश्विक स्तर पर हथियारों की बिक्री पर नज़र रखने वाले यूरोपीय थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का शीर्ष हथियार आयातक बना हुआ है, जो वैश्विक हथियारों की बिक्री का 9.8% हिस्सा है. रूस भारत का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता है.

रूस में ‘सुरक्षा सहायक’ के रूप में नियुक्त 23 वर्षीय भारतीय नागरिक की युद्ध क्षेत्र में मौत

मृतक की पहचान गुजरात के सूरत शहर निवासी हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया के रूप में हुई है. वह दिसंबर 2023 से रूस में थे. 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को रूसी सेना द्वारा सुरक्षा सहायकों के रूप में भर्ती किया गया है. उनमें से कुछ को रूसी सेना की तरफ़ से लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि ऐसा कहा गया था कि उन्हें युद्ध क्षेत्र में नहीं भेजा जाएगा.

एलेक्सी नवेलनी: रूस ने अपना सबसे मज़बूत विपक्षी नेता खो दिया

रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर विरोधी 47 वर्षीय एलेक्सी नवेलनी का जेल में निधन हो गया है. पुतिन को वे देश में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दोषी बताते थे. उनकी मौत रूसी इतिहास में एक नया अध्याय है. देश ने अपना सबसे मज़बूत विपक्षी नेता खो दिया है, जो यह दिखाने में सक्षम था कि जेल से भी क्रेमलिन के ख़िलाफ़ खड़ा होना संभव है.

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