कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के बैनर तले सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे खुले ख़त में कहा है कि भाजपा सांसद उनकी भड़काऊ भाषा और लगातार नफ़रत फैलाने वाले कृत्यों के चलते संसद सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो चुकी हैं.
पिछली सदी के आख़िरी दो दशकों में इस बात पर बहस होती थी कि साध्वी उमा भारती अधिक हिंसक हैं या साध्वी ऋतंभरा. इन दोनों की परंपरा फली फूली. साध्वी प्राची, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जैसी शख़्सियतों के लिए सिर्फ़ लोगों के दिलों में नहीं, विधान सभाओं और संसद में भी जगह बनी.
भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीते 25 दिसंबर को कर्नाटक के शिवमोगा शहर में हुए सम्मेलन के दौरान कहा था कि हिंदुओं को उन पर और उनकी गरिमा पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है, वे आत्मरक्षा के लिए घर में चाकू की धार तेज़ रखें. ठाकुर के ख़िलाफ़ कर्नाटक पुलिस में दो शिकायतें भी दी गई हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है. शिकायतकर्ता तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने भी
पुणे में रहने वाले 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले के एक आरोपी रमेश उपाध्याय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं. साल 2012 में अदालत से मंज़ूरी लेने के बाद उन्होंने हिंदू महासभा के टिकट पर बलिया के बैरिया से विधानसभा चुनाव लड़ा था.
मालेगांव बम धमाके में बेटा खोने वाले निसार अहमद सईद बिलाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दाख़िल की याचिका. धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भाजपा ने मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव मैदान में उतारा है.
मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भाजपा द्वारा भोपाल से टिकट देने समेत आज की बड़ी ख़बरें.
महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए बम विस्फोट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक आरोपी हैं. वह फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं.