कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने अगले दो महीनों के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की. किसान नेताओं ने 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की बात कही है. आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके सम्मान में छह मई को कार्यक्रम होगा.
खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण संबंधी संसद की स्थायी समिति ने सरकार से विवादित कृषि क़ानूनों में से एक आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को लागू करने की सिफ़ारिश की है. इस समिति में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, एनसीपी और शिवसेना सहित 13 दलों के सदस्य शामिल हैं.
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने पर खिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि अगर सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तो पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में इसका असर देखने को मिलेगा.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले क़रीब तीन महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व सामूहिक निकाय ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से कहा गया है कि वह पुलिस के इस क़दम का विरोध करता है, क्योंकि किसान अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोर्चा ने किसानों से शांतिपूर्वक अपना प्रदर्शन जारी रखने की अपील की.
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 23 फरवरी को ‘पगड़ी संभाल दिवस’ और 24 फरवरी को ‘दमन विरोधी दिवस’ मनाया जाएगा. इस दौरान इस बात पर जोर दिया जाएगा कि किसानों का सम्मान किया जाए और उनके ख़िलाफ़ कोई दमनकारी कार्रवाई न की जाए.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्यों की अपनी सरकारों के साथ मिलकर 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा का दोष हमारे संगठन पर मढ़ कर आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास कर रही है, जो यह अस्वीकार्य है.