कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू को 18 अक्टूबर को दिल्ली हवाई अड्डे पर वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद न्यूयॉर्क जाने से रोक दिया गया था. वे पुलित्ज़र पुरस्कार समारोह में शामिल होने जा रही थीं. वे समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की एक टीम का हिस्सा थीं, जिसे भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज के लिए ‘फीचर फोटोग्राफी’ श्रेणी में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने बताया था कि उन्हें वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर न्यूयॉर्क जाने से रोक दिया गया. मट्टू समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की एक टीम का हिस्सा थीं, जिसे भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज के लिए ‘फीचर फोटोग्राफी’ श्रेणी में पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक दिया गया. वे पुलित्ज़र पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क जा रही थीं. इससे पहले जुलाई में उन्हें पेरिस जाने से रोका गया था.
जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी 'द फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स इन जम्मू एंड कश्मीर' की रिपोर्ट में अगस्त 2021 से जुलाई 2022 के बीच हुए सूबे के उन घटनाक्रमों की बात की गई है जो मानवाधिकार उल्लंघनों की वजह बने. साथ ही, मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार के लिए कुछ सिफ़ारिशें भी की गई हैं.
कश्मीर से आने वाले स्वतंत्र पत्रकार आकाश हसन मंगलवार को श्रीलंका के वर्तमान संकट पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कोलंबो जाने वाले थे, लेकिन उन्हें आव्रजन अधिकारियों द्वारा रोक दिया गया. अधिकारियों द्वारा उन्हें ऐसा करने की वजह भी नहीं बताई गई.
ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में आर्किटेक्चर की प्रोफेसर और शोध निदेशक लिंडसे ब्रेमर आईआईटी मद्रास और उनके विश्वविद्यालय के बीच एक अनुबंध के तहत बीते 17 जुलाई को भारत आई थीं, लेकिन चेन्नई हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें बिना कोई वैध कारण बताए वापस लंदन भेज दिया. बीते मार्च में प्रसिद्ध ब्रिटिश मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को भी भारत आने से रोक दिया गया था.
साल 2022 के ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में प्रतिष्ठित पुलित्ज़र पुरस्कार जीत चुकीं कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू भारत से फ्रांस के लिए उड़ान भरने वाली थीं. उनके पास यहां का वैध वीज़ा भी था, बावजूद इसके आव्रजन अधिकारियों ने बिना कोई कारण बताए उनसे कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्राएं नहीं कर सकती हैं.
समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के फोटो पत्रकार रहे दानिश सिद्दीक़ी के अलावा उनके सहयोगियों अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में प्रतिष्ठित पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. सिद्दीक़ी की पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच गोलीबारी की तस्वीरें लेते समय मौत हो गई थी. 2018 में भी उन्हें रोहिंग्या शरणार्थी संकट संबंधी तस्वीरों के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार मिल चुका है.