क्योंझर के निवासी मोहन माझी संथाल जनजाति के सदस्य हैं. संथाल भारत के सबसे बड़े आदिवासी समुदायों में से एक है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी संथाल हैं. वह क्योंझर के सीमावर्ती मयूरभंज ज़िले की निवासी हैं. ये दोनों ज़िले मिलकर राज्य का अत्यंत विस्तृत आदिवासी भूगोल रचते हैं.
महाभारत की द्रौपदी एक निष्ठावान पत्नी और बेटी थीं, लेकिन जब अन्याय का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने सभी से असुविधाजनक सवाल पूछने की हिम्मत दिखाई. उम्मीद करनी चाहिए कि आरएसएस की एक निष्ठावान बेटी होने के बावजूद द्रौपदी मुर्मू वक़्त आने पर न्याय के लिए खड़ी होंगी.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी बिना किसी दबाव के दौपदी मुर्मू को समर्थन दे रही है. उन्होंने जोड़ा कि वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए उन्हें मुर्मू का समर्थन नहीं करना चाहिए था, लेकिन वे संकीर्ण मानसिकता वाले नहीं हैं.
भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की गई. निर्वाचित होने पर वे आदिवासी समुदाय से ताल्लुक़ रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी.
लेखक हांसदा सोवेंद्र शेखर की किताब ‘द आदिवासी विल नॉट डांस’ पर संथाल आदिवासी समुदाय की महिलाओं का ग़लत चित्रण करने का आरोप लगा था.
झारखंड सरकार जल्द हटाएगी प्रतिबंध, किताब को अश्लील बताते हुए चार महीने पहले लगा दिया था बैन.